समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए बयान के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य (SP Maurya) मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार बयानबाजी कर रहे हैं और विरोधियों पर हमला कर रहे हैं। अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक और ट्वीट किया है जिस पर लोग उन पर तंज कस रहे हैं।

अब क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य?

स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya Twitter) ने ट्वीट किया है, “धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलता उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।” सोशल मीडिया पर लोग स्वामी प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट पर लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

@JournoVineet यूजर ने लिखा कि स्वामी जी, क्यों फर्जी बातें करते हैं? जब बीजेपी में थे तब आपको लगता था कि मुसलमान मौज मस्ती करने के लिए तीन तलाक का फायदा उठाते हैं। आज आप समाजवादी पार्टी में गए तब आपको रामचरितमानस से दिक्कत हो रही है। आप जैसे लोगों का कोई स्टैंड नहीं होता। @iamtomar06 यूजर ने लिखा कि हाथी को मैंने कभी भौंकते हुए नहीं देखा मोर्या जी लेकिन आप पिछले दिनों से काफ़ी विचलित नजर आ रहे हैं।

@anilhamar यूजर ने लिखा कि कभी इंसान भी बन जाओ नेताजी। कभी हाथी बन जाते हो तो कभी नेवला। इंसान कब बनोगे? @Kuldeep16820054 यूजर ने लिखा कि बस इसी जुबान पर कायम रहना सरजी, बार-बार पार्टी बदलकर अपनी छवि धुमिल मत करो। @Sarvendratripa1 यूजर ने लिखा कि आप सबसे अच्छा काम कर रहे हैं इसलिए लोगों को 2024 के चुनाव में अखिलेश का बहिष्कार करना चाहिए, आप उन्हें हिंदू विरोधी साबित कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि समाजवादी पार्टी के पास अब उत्तरप्रदेश में केवल जातिवाद की राजनीति बची है। सपा का पुराना फार्मूला है कि जातियों में फूट डालो, राज करो।

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya, SP) ने कहा था कि रामचरितमानस पर बैन लगा देना चाहिए, उनकी इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विरोधी दल के नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बहाने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर हमला करने लगे। हर हमले का स्वामी प्रसाद मौर्य अपने तरीके से जवाब दे रहे हैं। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया। एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा। सिर, नाक, कान काटने पर उतर आये।