Mundari Tribe South Sudan Traditions: दुनिया रहस्यों और अजीबोगरीब परंपराओं से भरी पड़ी है। जहां आधुनिक दुनिया में लोग महंगे साबुन और शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं, वहीं दुनिया के एक कोने में एक ऐसी जनजाति रहती है जिसके लिए ‘गोमूत्र’ ही सब कुछ है। हम बात कर रहे हैं दक्षिण सूडान (South Sudan) की ‘मुंडारी’ (Mundari) जनजाति की। यहां के लोग गाय के मूत्र का इस्तेमाल पानी की तरह करते हैं —नहाने से लेकर चेहरा धोने तक।
क्यों करते हैं गोमूत्र का इस्तेमाल?
मुंडारी जनजाति के लोग पूरी तरह से अपने मवेशियों (खासकर ‘अंकोले-वतुसी’ प्रजाति की गायों) पर निर्भर हैं। वे गोमूत्र का इस्तेमाल मुख्य रूप से एंटीसेप्टिक के रूप में करते हैं। उनके अनुसार गोमूत्र उन्हें त्वचा के संक्रमण और कीड़े-मकोड़ों से बचाता है। गोमूत्र में मौजूद अमोनिया की वजह से उनके बाल अक्सर नारंगी या लाल रंग के हो जाते हैं, जिसे वे एक स्टाइल स्टेटमेंट भी मानते हैं।
पानी की कमी वाले इलाकों में वे इसे खुद को साफ रखने का जरिया मानते हैं। सिर्फ गोमूत्र ही नहीं, मुंडारी लोग गाय के गोबर को जलाकर उसकी राख को अपने शरीर पर मलते हैं। यह राख उनके लिए ‘सनस्क्रीन’ और ‘मॉस्किटो रिपेलेंट’ (मच्छरों से बचाव) का काम करती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस जनजाति के लिए एक गाय की कीमत 500 डॉलर (करीब 40,000 रुपये) से भी ज्यादा होती है, और वे अपनी गायों की सुरक्षा बंदूकों से करते हैं।
मुंडारी लोगों के लिए गाय सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि उनकी संपत्ति, इज्जत और जीवन का आधार है। उनकी यह परंपरा भले ही दुनिया को अजीब लगे, लेकिन यह उनके कठिन वातावरण में जीवित रहने का एक तरीका है। मुंडारी जनजाति से जुड़ा एक वीडियो इनदिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो देखकर और उससे संबंधित तथ्यों को जानकर यूजर्स हैरान हैं। वीडियो के कमेंट सेक्शन में उन्होंने हैरान होते हुए प्रतिक्रिया दी है।
एक यूजर ने कहा – सिर्फ इसलिए कि यह परंपरा है, इसका मतलब यह नहीं कि यह सेहतमंद है, है ना? दूसरे यूजर ने कहा – अगर कल कोई प्राकृतिक आपदा आ जाए और हमारे पास मॉडर्न टेक्नोलॉजी न हो, तो ऐसी जनजातियां ही होंगी जो ज़िंदा रहेंगी और समाज को फिर से बनाएंगी। मेरे जैसे और ज़्यादातर पश्चिमी दुनिया के लोग भूख, बीमारी, भुखमरी वगैरह से मर जाएंगे। बहराहल, वीडियो वायरल हो रहा है और यूजर्स के कौतूहल का विषय बना हुआ है।
