मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार राजनीतिक हलचल तेज है। कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग चल रही है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें एक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में खाली कुर्सियां दिखाई दे रही हैं। कांग्रेस ने दावा किया है किया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम का वीडियो है।
सीहोर पहुंचे थे सीएम शिवराज
शिवराज सिंह चौहान, सीहोर के सलकनपुर में देवी लोक के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में एक लाख से अधिक लोगों के शामिल होने का दावा किया गया था लेकिन कार्यक्रम के लिए बने भव्य पंडाल की कुर्सियां खाली दिखाई पड़ी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और कांग्रेस ने इस पर तंज भी कसा है।
कांग्रेस ने शेयर किया वीडियो
मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “शिवराज को जनता ने नकारा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सलकनपुर में देवी लोक कार्यक्रम को जनता ने पूरी तरह नकारा। कुर्सियां पूरे कार्यक्रम के दौरान रहीं खाली। शिवराज जी, चुनाव रुझान आने लगे हैं।”
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
आरती मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा कि वीडियो देखकर लग रहा है कि यह वीडियो कार्यक्रम खत्म होने के बाद का है, क्यों झूठ फैला रहे हो? @PrakashBharti27 यूजर ने लिखा, “मामा को जनता नकारेगी या पांच साल फिर सेवा का मौका देगी, ये तो कुछ ही दिनों में स्पष्ट हो जायेगा लेकिन कांग्रेस में चल रही कलह का क्या होगा? कांग्रेस को इस पर ध्यान देना चाहिए।”
@BabelePiyush यूजर ने लिखा, “सलकनपुर में मुख्यमंत्री ने देवी लोक कार्यक्रम में लाखों लोग आने का दावा किया, लेकिन ख़ाली कुर्सियां सच्चाई बता रही हैं। मध्य प्रदेश की जनता पहचान गई है कि कौन भगवान का भक्त है और कौन कालनेमि और मारीच हैं। कमलनाथ जी कहते हैं, मैं हिंदू हूं, मूर्ख नहीं हूं। मध्य प्रदेश की जनता भी यही कह रही है।” @Sunilmisr यूजर ने लिखा कि कार्यक्रम का प्रसारण TV पर था देख लिए होते महाराज, सच्चाई पता चल गई होती।
बता दें कि सीएम शिवराज ने सलकनपुर देवी लोक महोत्सव में हुए शामिल देवी मंदिर में की पूजा अर्चना की। उनके साथ पत्नी साधना सिंह बेटे कार्तिकेय भी मौजूद थे। 200 करोड़ से अधिक की लागत से देवी लोक का निर्माण सरकार करवाने जा रही है। इसी कार्यक्रम का वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जितनी उम्मीद जताई गई थी, उतनी भीड़ नहीं आई। इसी वजह से कुर्सियां खाली रहीं।