मध्य प्रदेश में हुए दंगों के बीच अब कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। दिग्विजय सिंह ने बिहार के मस्जिद पर झंडा फहराने की तस्वीर शेयर करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोल दिया। इसके बाद तो पूरी बीजेपी के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी दिग्विजय सिंह पर हमलावर हो गई।
दिग्विजय सिंह पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जो फोटो (मस्जिद पर झंडा फैलाने का) ट्वीट किया है वो मध्य प्रदेश का नहीं है। दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र रचा है। प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश की है और मेरे प्रदेश में अगर कोई दंगा फैलाने की कोशिश करेगा तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ सोशल मीडिया पर लोग शिवराज सिंह के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
बीजेपी नेता शिवराज सिंह ढाबी ने लिखा कि ‘दिग्विजय सिंह जी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए आपने ट्वीट तो डिलीट कर दिया है पर मुख्यमंत्री जी अभी भी चाहे तो मध्य प्रदेश में अराजकता फैलाने पर आप पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। अभी तो 1 साल की सजा मिली है इसके बाद सीधे 3 साल की सजा मिलेगी।’
आमिर खान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आपसे भी निवेदन है कि कार्रवाई एकतरफा ना करें और निष्पक्ष जांच करवा कर सभी दोषियों के विरुद कड़ी कार्रवाई करें ताकि आगे से हमारे प्रदेश में ऐसी कोई घटना ना हो।’ तरुण शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘चुनाव आते ही दंगा चालू हो जाता है। इस बार उत्तर प्रदेश से ऐसी कोई खबर नहीं आई क्योंकि वहां चुनाव हो गए, प्लीज मुख्यमंत्री जी आप बेरोजगारी और गरीब परिवार पर ध्यान दो।’
आदित्य नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इस नकली फोटो का पर्दाफाश करने में आपकी तत्परता के लिए बधाई। यह हिंसा भड़काने और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।’ हरीश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मामा जी आपका बुल्डोजर सही चल रहा है इसको चलते रहने दीजिए। हम सब जानते हैं मामा के राज्य में भी अपराधियों और पत्थरबाजों के साथ वही हो रहा है जिसके वह हकदार हैं।’
अदीब कादरी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये बुल्डोजर दरअसल न्यायपालिका पर चल रहा है। अदालतों की खामोशी देश को बड़े संकट में डाल सकती हैं। अगर पुलिस ही आरोप तय करे और सजा भी दे तो कानून का राज कहां रहा?’