यूपी के मुरादाबाद में नमाज को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई। एक पक्ष ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि दूसरे पक्ष द्वारा नमाज पढ़ने से गांव में घृणा, शत्रुता और वैमनस्यता फैलाई जा रही है। पुलिस ने शिकायत मिलने पर नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसको लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर कटाक्ष किया है। जिस पर बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने पलटवार किया।
ओवैसी ने ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज नहीं पढ़ सकते? क्या अब नमाज पढ़ने के लिए भी हुकूमत/पुलिस से इजाजत लेनी होगी? नरेंद्र मोदी को इसका जवाब देना चाहिए, कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जाएगा? समाज में कट्टरपंथी इच्छा तक फैल गई है कि आप दूसरों के घरों में नमाज पढ़ने से भी लोगों के जज्बात को ठेस पहुंच जाती है।’ ओवैसी द्वारा किए गए ट्वीट पर आम सोशल मीडिया यूजर्स ने भी रिएक्शन दिए हैं।
बीजेपी नेता ने यूं किया पलटवार
असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर शलभमणि त्रिपाठी ने एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि झारखंड में अंकिता नाम की एक लड़की के साथ दरिंदगी की गई, जिस पर ओवैसी का अभी तक कोई बयान नहीं आया। इसके साथ उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड के स्कूलों में हिंदी की जगह उर्दू नाम लिखे जा रहे हैं, उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते। ओवैसी चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में शरियत का कानून लागू हो जाए। उनके जैसी सोच रखने वाले लोगों को परेशानी होगी क्योंकि यहां पर योगी आदित्यनाथ की सरकार है। सभी काम कानून के हिसाब से होंगे।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
विजय मिगलानी नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि मुसलमानों के नाम पर कब तक आप अपनी कौम को बेवकूफ बनाते रहेंगे, केवल राजनीति करने के लिए। आम मुसलमानों की अब समझदार हो गया है और धर्म की आड़ में राजनीति करने वाले भेड़ियों को पहचानने लगा है। इरशाद नाम के एक यूजर ने ओवैसी की बात का समर्थन करते हुए पूछा कि योगी आदित्यनाथ सरकार कब तक मुसलमानों के खिलाफ ऐसे काम करती रहेगी?
प्रताप चौहान नाम के एक यूजर लिखते हैं – आपको तो रात में मोदी को लेकर बुरे बुरे सपने आते होंगे क्योंकि हर समस्या में तो आपको वही दिखाई देते हैं। जनाब आपके पॉलिटिक्स का कोई जवाब नहीं है। अविनाश शर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा कि भाई नमाज के लिए मस्जिद में जाना चाहिए, सड़कों पर बैठने का क्या मतलब है। ओवैसी के ट्वीट पर मुरादाबाद पुलिस द्वारा लिखा गया, ‘ग्रामवासियों के बीच हुए आपसी समझोते के बाद भी कुछ लोगों ने समाज में शत्रुता, घृणा, वैमनुष्यता की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से सामुहिक रूप से जगह बदल-बदलकर नमाज अदा की। जिस कारण दूसरे पक्ष द्वारा दी तहरीर व जांच के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया, अन्य विधिक कार्रवाई प्रचलित है।