Shaheed Diwas 2019, Sahid Diwas 2019, Shaheed Bhagat Singh Quotes: आज यानी 23 मार्च का दिन भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई। शहीद भगत सिंह और उनके साथियों को 23 मार्च, 1993 को फांसी के फंदे पर लटका दिया। इसलिए इस दिन को ‘शहीद दिवस’ के रूप में जाना जाता है। भगत सिंह…जिनका नाम जहन में आते ही शरीर में जोश दौड़ने लगता है, रोंगटे खड़े हो जाते हैं। खुद को देशभक्ति के जज्बे से भरने से उनका नाम लेना ही काफी। भगत सिंह ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी कभी कबूल नहीं की। सिंह ने बहरी अंग्रेजी हुकूमत तक अपनी बात पहुंचाने के लिए असेंबली में बम फेंक दिया। वो भागे नहीं, जिसके नतीजे में उन्हें फांसी की सजा हो गई।
जिस दिन शहीद भगत सिंह को फांसी दी गई उस दिन लाहौर की जेल में बंद कैदियों की आंखें तक नम हो गईं। जेल के कर्मचारी और अधिकारी के हाथ कांप गए धरती के इस लाल के गले में फांसी का फंदा डालने में। जेल के नियम के मुताबिक फांसी से पहले तीनों देश भक्तों को नहलाया गया था। फिर इन्हें नए कपड़े पहनाकर जल्लाद के सामने किया गया। जिसने इनका वजन लिया। फांसी दिए जाने से पहले भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव से उनकी आखिरी ख्वाहिश पूछी गई। तीनों ने एक स्वर में कहा कि हम आपस में गले मिलना चाहते हैं।
आइए जानते हैं शहीद भगत सिंह के कुछ अनमोल विचार जो आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं-
“किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं।”
“किसी को ‘क्रांति’ शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते हैं।”
“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार, ये दोनों क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।”
“कोई भी व्यक्ति जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़ा हो, उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देना होगा।”
“मैं इस बात पर जोर देता हूं कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूं। पर मैं जरुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूं, और वही सच्चा बलिदान है।”