वह चलती ट्रेन के पीछे भागता रहा मगर यात्री ने उसे पैसे देने से इनकार कर दिया। वह आखिर तक अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए दौड़ता रहा मगर यात्री को उस पर दया नहीं आई। युवा विक्रेता आखिर तक दौड़ते-दौड़ते हांफने लगा। हालांकि उसके हाथ खाली रहे क्योंकि उसने जो सामान यात्री को दिए थे उसके उसे पैसे नहीं मिले। यह कथित वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक लड़का चलती ट्रेन के पीछे भाग रहा है, वह ट्रेन के अंदर किसी को देख रहा है, वह एक य़ात्रा से पैसे लेने के लिए भाग रहा है। उसने यात्री को कुछ सामान बेचा था मगर यात्रा उसे पैसे नहीं दे रहा है। वह लड़का आखिर तक ट्रेन के पीछे भाग रहा है मगर उसे पैसे नहीं मिलते हैं, आखिर में वह थक-हार जाता है और हांपने लगता है। वीडियो देखने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
इस वीडियो को एक्स पर शेयर किया है, एक युवा विक्रेता चलती ट्रेन के पीछे भागता है क्योंकि यात्री ने पैसे देने से इनकार कर दिया। यह सब… कुछ रुपयों के लिए। आखिर मानवता कहाँ है? जिस तरह वह उसे पकड़ नहीं पाया और अंत में हांफता रह गया… भगवान उस मेहनती लड़के को ढेर सारा पैसा दे।
- देखिए लोगों ने क्या कहा?
- -गरीब के लिए एक एक रुपए की कीमत होती है। जो उनके साथ ऐसा करता फिर परमात्मा उनके साथ उससे भी बुरा करता है।
- -गरीब का एक-एक रुपया उसके पसीने की कमाई है, उससे छीनना ईश्वर के सामने सबसे बड़ा अपराध है।
- -कुछ रुपयों के लिए नहीं, वो अपनी इज़्ज़त और मेहनत के लिए भाग रहा था। दुनिया को ऐसे ही ईमानदार लोगों की ज़रूरत है भगवान करे उस लड़के की मेहनत एक दिन उसकी पहचान बन जाए।
- -यह सच में बहुत ही दिल दहला देने वाला और सोचने पर मजबूर कर देने वाला दृश्य है, एक युवा, अपनी मेहनत और ईमानदारी के साथ, केवल कुछ रुपयों के लिए चलती ट्रेन के पीछे दौड़ता है, और अंत में थक कर हांफता रह जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि मनुष्य के परिश्रम और जज़्बे की कोई कीमत नहीं होती, और छोटी-छोटी रकम के लिए भी इंसान कितनी दूर तक जा सकता है।
- भगवान से दुआ है कि उस मेहनती लड़के को उसकी मेहनत का पूरा फल मिले, उसकी जिंदगी में सुख, सफलता और आर्थिक सुरक्षा आए। साथ ही यह हमें भी यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में मानवता, सहानुभूति और सम्मान की कमी को कैसे पूरा किया जा सकता है। युवाओं के परिश्रम की कदर करनी चाहिए और उन्हें अवसर देने चाहिए, ताकि उनकी मेहनत व्यर्थ न जाए।

— Anand Yadav (@Anand_thunder)