सोशल मीडिया आज अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। सोशल मीडिया की इसी ताकत का नजारा इन दिनों रुस में देखने को मिल रहा है। दरअसल रुस में इन दिनों हजारों रशियन टीचर्स सोशल मीडिया पर बिकिनी पहने हुए या फिर अंडरगारमेंट में अपनी तस्वीरें शेयर कर रही हैं। सोमवार को रुस की करीब 15,000 महिला टीचर्स बिकनी वाली तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की। इन तस्वीरों के साथ महिला टीचर्स ने “Teachers are people too (शिक्षक भी इंसान होते हैं)” का हैशटैग भी लिखा।

कैसे हुई अभियान की शुरुआतः दरअसल रुस के साइबेरिया प्रांत के बरनोल शहर की एक 38 वर्षीय महिला टीचर तातियाना कुवशिनिकोवा ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर बिकिनी पहने हुए तस्वीर शेयर की थी। रशियन साहित्य की इस टीचर ने कुछ अन्य तस्वीरें भी शेयर की, जिनमें वह छोटी ड्रेस और हाई हील की सैंडल पहने हुए थी। इन तस्वीरों पर बच्चों के माता-पिता ने आपत्ति जतायी। जिसके बाद स्कूल की प्रधानाचार्य ने महिला टीचर तातियाना कुवशिनिकोवा को समन जारी कर दिया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इसके बाद महिला टीचर को नौकरी से निकाल दिया गया। पीड़ित महिला टीचर ने एक स्थानीय न्यूज एजेंसी को बताया कि उसने यह तस्वीरें विंटर स्वीमिंग के दौरान ली थी।

वहीं बिकिनी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के चलते महिला टीचर को नौकरी से निकालने पर रुस की हजारों महिला टीचर ने इसका विरोध किया। महिला टीचर्स ने अपना विरोध जताने और पीड़ित टीचर तातियाना कुवशिनिकोवा के प्रति समर्थन जताने के लिए बिकिनी पहने हुई अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरु कर दिया। देखते ही देखते रुस में सोशल मीडिया पर टीचर्स की बिकिनी वाली तस्वीरों की बाढ़ सी आ गई। बहरहाल इस अभियान का सकारात्मक असर पड़ा और साइबेरिया के क्षेत्रीय शिक्षा मंत्री ने इस मामले में दखल दिया और पीड़ित महिला टीचर को एक नई नौकरी दे दी है। एनडीटीवी की एक खबर के अनुसार, मंगलवार से तातियाना कुवशिनिकोवा ने अपनी नई नौकरी शुरु कर दी है। यह नई नौकरी एक टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में दी गई है, जहां तातियाना को एक नया कोर्स तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें टीचर्स, छात्रों और उनके माता-पिता को सोशल मीडिया के खतरे और इसकी ताकत के साथ ही सोशल मीडिया पर कम्यूनिकेशन के बारे में जानकारी दी जाएगी।