ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है। टीवी चैनलों पर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद एक बार फिर ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। इसी बीच जब एक टीवी चैनल पर ज्ञानवापी मस्जिद पर दिए मोहन भागवत के बयान पर चर्चा हो रही थी, इस दौरान पीस पार्टी के प्रवक्ता ने विवादित बयान दिया तो उन्हें डिबेट से बाहर कर दिया गया।
ABP न्यूज पर ज्ञानवापी मस्जिद पर दिए गये मोहन भागवत के बयान पर चर्चा हो रही थी जिसमें कई धर्मगुरुओं के साथ राजनीति से जुड़े लोग भी शामिल हुए थे। इसी बीच पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान अपनी बात रख रहे थे तो एंकर रुबिका लियाकत ने उनसे पूछा कि आप डिबेट से पहले क्या कर रहे थे? क्या आप गूगल पर जानकारी सर्च कर रहे थे? इस पर शादाब चौहान ने कहा कि ‘मैं बड़े की बिरयानी खा रहा था, बड़ा मतलब- बड़े का गोश्त खा रहा था।’
रुबिका लियाकत ने कहा कि ‘आप कहना क्या चाह रहे हैं, आप स्पष्ट कीजिये।’ इस पर शादाब चौहान ने कहा कि ‘आप समाज में रहती हैं, आप जानती हैं कि बड़ा मतलब क्या होता है।’ रुबिका लियाकत भड़क गईं, उन्होंने कहा कि ‘यहां पर धर्मगुरु बैठे हुए हैं और आप इस तरह की बात कर रहे हैं। बड़े की बिरयानी खाने की वजह से आपका दिमाग छोटा हो गया है। बड़े की बिरयानी खाकर आप गधे हो गए हैं।’
हिन्दू धर्म गुरु अजय गौतम ने कहा कि ‘तुम बड़ा खाओ या पोप खाओ। हम उससे मतलब नहीं है। पशु, पशु की तरह ही व्यवहार करेगा।’ अजय गौतम ने कहा कि ‘हिन्दुओं का सरनेम लेकर बहुत बड़े मुस्लिम बन रहे हो।’ रुबिका लियाकत ने इस पर टोकते हुए शादाब चौहान से कहा कि ‘अगर इस्लाम मान रहे होते तो इस तरह लोगों की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाते। बकवास मत करो शादाब चौहान।’ इसके बाद शादाब चौहान ने कहा, बकवास आप कर रही हैं रुबिका लियाकत, मेरे नाम से ही रुबिका लियाकत के पेट में दर्द होता है।’ जवाब में रुबिका लियाकत ने कहा कि कौन हो तुम?
रुबिका लियाकत ने शादाब चौहान से वहां मौजूद संतों से माफ़ी मांगने के लिए कहा तो उन्होंने माफ़ी मांगने से इंकार दिया। रुबिका लियाकत ने कहा कि ‘माफी नहीं मांगेंगे तो मैं आपको डिबेट से बाहर कर दूंगी। रुबिका ने शादाब को डिबेट से बाहर करने के लिए कहा तो शादाब चौहान ने बोले, ऐसे डिबेट को मैं लात मारता हूं और डिबेट से चले गये।’ VHP नेता विनोद बंसल ने कहा कि ‘ये डिबेट को डिरेल करना चाहते थे, ऐसे लोगों को कोई ज्ञान नहीं होता, बस हंगामा करते हैं।
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि राम मंदिर के बाद अब किसी भी धार्मिक स्थल को लेकर आंदोलन नहीं खड़ा किया जाएगा, हर मस्जिद में शिवलिंग देखना सही नहीं है। मोहन भागवत ने यह भी कहा है कि ‘सभी को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। दोनों तरफ से डराने-धमकाने की बात नहीं होनी चाहिए।