संसद के उच्च सदन राज्यसभा (Rajya Sabha) में विदेश मंत्री और सांसद मनोज झा (RJD MP Manoj Jha ) के बीच तीखी बहस हुई। मनोज झा ने आरोप लगाया है कि ऐसा लगता है कि जैसे विदेश नीति 2014 के बाद से आई है, ये 2014 में केंद्रित विदेश नीति असल में उन लोगों और उन प्रक्रियायों को कमजोर करती है जो आजादी के बाद से विदेश नीति में शामिल रहे हैं। मनोज झा ने राज्यसभा में कई सवाल पूछे, जिनका विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने जवाब भी दिया है।
विदेश नीति पर RJD सांसद ने उठाया सवाल
RJD सांसद मनोज झा (RJD MP Manoj Jha) ने सदन में कहा कि कई बार जब हम सरकार का रुख या स्थिति देखते हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे विदेश नीति 2014 के बाद बनी है। उन्होंने कहा कि 2014 पर केंद्रित विदेश नीति उन लोगों या प्रक्रियाओं को कमजोर कर देती है जो आजादी के बाद से विदेश नीति का हिस्सा रहे हैं। RJD सांसद ने कहा कि जब भी उत्पीड़न करने वाले और उत्पीड़न सहने वाले में चुनाव का वक्त आता है तो भारत कभी तटस्थ नहीं रहा है।
‘..और अच्छा कर सकते थे’- बोले मनोज झा
मनोज झा ने आगे कहा कि हाथी और चींटी की लड़ाई में, आपकी तटस्था हाथी की मदद कर रही है। यूक्रेन और रूस की लड़ाई एक बहुत जटिल मुद्दा है और उसे लेकर हमारे विचार अलग है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जितना आपसे हो सकता है आपने किया लेकिन इससे भी बेहतर हो सकता था। मनोज झा ने इसके साथ कई और मुद्दे उठाते हुए विदेश मंत्री से जवाब मांगा। एस जयशंकर ने भी मनोज झा के सवालों के भी जवाब दिए।
विदेश मंत्री ने ऐसे दिया जवाब
विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि आप मुझसे पूछ रहे हैं तो मैं कहूंगा कि हां 2014 एक एतिहासिक मौका था, हां, 2014 के बाद से चीजे बेहतर हुई हैं। हां, साल 2014 के बाद से हमारी विदेश नीति और ज्यादा तेज, ज्यादा प्रभावी हुई है। मनोज झा को जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि प्रोफेसर झा ने सुझाव दिया है कि वो मेरा काम ज्यादा अच्छे से कर सकते हैं वो ऐसे विचार रखने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। उन्होंने कहा कि हम शुरुआत से ही प्रधानमंत्री के स्तर से स्पष्ट कर रहे हैं कि यह दौर युद्ध का नहीं है। हमने लगातार बातचीत और कूटनीति की अपील की है।
विदेश मंत्री (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि जब भी भारत के लोगों पर और बाकी दुनिया पर उसके असर की बात आती है तो हमें सही चीजें की हैं। हमने दुष्प्रभावों को कम करने की कोशिश की है। चाहे वो तेल हो, खाने की चीजें महंगी होना हो या उर्वरक की बात हो हमने बेहतर काम किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और मनोज झा के बीच हुई इस बहस का वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है।