किसान नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। खबर के मुताबिक मुज्जफरनगर के जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में कार्य बाधित करने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। राकेश टिकैत का कहना है कि ये BKU भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता है, इन पर पुलिस ने गलत तरीके से कार्रवाई की है।

क्या बोले राकेश टिकैत?: राकेश टिकैत ने कहा कि “पुलिस प्रशासन किसान संगठन के लोगों को झूठे केस में फंसाना चाहती है। अस्पताल में दो पक्ष के लोग आपस में लड़ाई कर रहे थे, उन पर कार्रवाई करो। पुलिस 20 लोगों को बंद कर रही है। ऐसा थोड़ी होता है। पुलिस बहाना चाहती है कि कैसे किसान संगठन से जुड़े लोगों को परेशान किया जाए।

“स्टूल टूट जाए तो उसे तोड़-फोड़ थोड़ी कहते हैं”: राकेश टिकैत से पत्रकारों ने पूछा कि अस्पताल में हंगामा हुआ, तोड़-फोड़ हुई तो क्या यह सही है? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि “क्या तोड़ फोड़ हुई, दस लोग अस्पताल में चल गए तो एक स्टूल अगर गिर गया तो उसे तोड़-फोड़ थोड़ी कहते हैं। ना हमारा डॉक्टर से कोई मतलब है, ना ही हमारा अस्पताल से।हमारे लोगों को छोड़ें। नहीं तो यही टेंट लगाएंगे, यही बैठेंगे अब।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: राकेश टिकैत के इस बयान पर अब सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने लिखा कि “मुज्जफरनगर पुलिस थाने में धरने पर बैठे राकेश टिकैत,चलो फिर व्यस्त होने का मौका मिला।” सुसंस्कृत मानव नाम के यूजर ने लिखा कि “अब यह बताएंगे कि पुलिस क्या करें और क्या न करें,अगर कुछ गलत हो रहा है तो न्यायालय में क्यों नहीं जाते? क्या भारत के संविधान पर इनको भरोसा नहीं है।” सुमित साहू नाम के यूजर ने लिखा कि “सिर्फ किसान आंदोलन के आड़ में भाजपा का विरोध करना हैं।”

प्रीतेश पटेल नाम के यूजर ने लिखा कि “इन्हें ही जेल में डाल दो काम खत्म।” परितोष नाम के यूजर ने लिखा कि “भाइयों क्या आप सहमत हैं कि जो न्यूज चैनल इस आदमी के बयानों को दिखाता है उसका बहिष्कार होना चाहिए?” टीपा चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि “बढ़िया टिकैत साहब लगे रहो, हम आपके साथ है। मीडिया में रहने की आदत लग गई है। इसके लिए रोज कोई न कोई कांड करके रखना है, कोई फुटेज मिस न हो जाए।”

अभिषेक सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “मेरी समझ में यह नहीं आता  कि यह राकेश टिकैत जो कभी खेत में जाते नहीं, हमेशा रोड पर ही रहते हैं तो कैसे किसान नेता हो गये, इन्हें तो रोड छाप नेता कहना चाहिए।” भारत नाम के यूजर ने लिखा कि “राकेश टिकैत जी को बधाई हो, रोजगार मिल गया। पिछले 4 महीने से बेरोजगार बैठे थे।”