कर्नाटक के बेंगलुरु में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर हमला किया गया। टिकैत पर पहले एक व्यक्ति ने मीडिया माइक से हमला किया और फिर एक दूसरे व्यक्ति ने स्याही फेंक दी। टिकैत के समर्थकों और यूनियन के लोगों ने हमला करने वाले लोगों को पकड़ लिया और फिर पिटाई कर दी। अब राकेश टिकैत ने अपने ऊपर हुए हमले को लेकर ट्वीट किया है।
राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखा कि ‘ये काली स्याही व जानलेवा हमला इस देश के किसान, मजदूर, दलितों, शोषितों, पिछड़ो, शूद्रों, आदिवासी की आवाज को नहीं दबा सकता। यह लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी।’ सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत के इस ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
गोपाल शर्मा ने लिखा, ‘माननीय सम्माननीय धरतीपुत्र राकेश जी टिकैत की भरी सभा में हमला और स्याही फेंक कर मुंह काला करने की मैं भयंकर निंदा करना चाहता हूं।’ श्याम मीणा ने लिखा कि ‘इस तरह संघर्षशील किसान नेता का अपमान करके उसकी आवाज को दबाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं।’ पुरुषोत्तम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आपको राजनीति छोड़नी पडे़गी, हम किसानों के साथ खड़ा होना पड़ेगा।’
श्रीकांत उपाध्याय ने लिखा कि ‘सुना है कि आज किसी किसान ने राकेश टिकैत के बक्कल तार दिए।’ मानव शर्मा ने लिखा कि ‘हजारों लोग जो रोज इसकी वजह से जाम से परेशान होते थे, उनको ये देख कर कुछ तो सुकून मिला होगा।’ वीके खंडेलवाल ने लिखा, देश का किसान मोदी सरकार से बहुत खुश हैं परंतु आप जैसे अपवाद जो किसानों को झूठा भड़काने का काम करता है। झूठ की दुकान आपकी आज अच्छी तरह से लोगों ने बंद करवा दी।
टिकाराम वर्मा नाम के यूजर ने लिखा, यह कर्नाटक में नाटक हुआ है। कर्नाटक ने देश के किसानों पर स्याही फेंकी हैं। शर्मसार किया है सारे देश को। याद रखिए किसानों के बिना देश की उन्नति सिर्फ एक कोरा सपना है। श्याम नयन सिंह ने लिखा कि जिनके इशारे पर यह सब हो रहा है वो एक बात गांठ बांध कर रख ले देश के किसानों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।
बता दें कि राकेश टिकैत पर हुए हमले पर भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने कहा कि ‘शुक्र है कि यह घटना उत्तर प्रदेश में नहीं हुई, अन्यथा अनर्थ हो जाता।’ नरेश टिकैत ने राकेश टिकैत को जेड श्रेणी की मांग की है। टिकैत पर हुए हमले के बाद भाकियू की सिसौली में आपातकाल पंचायत हुई।
बताया जा रहा है कि टिकैत पर हमला करने वाले लोग स्थानीय किसान नेता के चंद्रशेखर के समर्थक थे। एक स्थानीय मीडिया ने चन्द्रशेखर का स्टिंग किया था जिसमें वह बस स्ट्राइक के बदले पैसे की मांग कर रहे थे। उन्होंने राकेश टिकैत का भी नाम लिया था। वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि उनका चंद्रशेखर से कोई लेना देना नहीं है, चंद्रशेखर फ्रॉड है। इसके बाद उनके ऊपर हमला हुआ और स्याही फेंक दी गई।
