8 अगस्त को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को विदाई दी गई। पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू के विदाई समारोह में शामिल हुए और अपने भाषण में उन्होंने वेंकैया नायडू के जीवन और राजनीतिक सफर के बारे में चर्चा की। हालांकि सदन में विदाई समारोह पर बोलते हुए आप सांसद राघव चड्ढा ने पहले प्यार का जिक्र किया तो सदन के सभापति वेंकैया नायडू ने उन्हें टोक दिया, तो पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा।

उपराष्ट्रपति के विदाई में क्या बोले राघव चड्ढा?

उपराष्ट्रपति की विदाई समारोह में बोलते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि ‘हर व्यक्ति को अपना पहला अनुभव हमेशा याद रहता है, स्कूल का पहला दिन, पहले प्रिंसिपल, पहला टीचर, पहला प्यार। इस सदन में जब मैं आया और मैंने पहले चेयरमैन के रूप में अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की। मैं सदैव आपको याद रखूंगा, मैं आपको सफल कार्यकाल पूरा करने पर बधाई देता हूं!’

वेंकैया नायडू ने ‘पहले प्यार’ पर पूछा सवाल

राघव चड्ढा को जवाब देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि ‘राघव, मेरे ख्याल से प्यार एक ही होता है। एक बार-दूसरी बार, ऐसा नहीं होता है ना?’ इस पर राघव चड्ढा ने कहा कि ‘मुझे अभी इतना अनुभव नहीं है लेकिन अच्छा होता है सर।’ इस पर वेंकैया नायडू ने कहा कि ‘पहला प्यार अच्छा होता है, वही प्यार रखना है जिन्दगी भर!’

वेंकैया नायडू के विदाई पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कविता पढ़ते हुए कहा कि “सभापति महोदय आप हमें छोड़कर जा रहे हैं, फिर हम यहां क्या करेंगे। आपने हमें विश्वास दिया है कि हम किसी से नहीं डरेंगे, और 2024 का चुनाव मोदी जी नहीं हारेंगे। आपने मुझे मौका दिया हर बार, इसलिए मैं करता रहा कांग्रेस पर वॉर। आप कभी नहीं मानने वाले हैं हार, इसलिए आप आइये फिर एक बार। जो आते थे बार-बार वेल, उनको सस्पेंड करके आपने बंद कर दिया था उनका खेल।”

वहीं विदाई समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि जहां तक वह निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को जानते हैं, उनकी विदाई संभव नहीं है क्योंकि लोग उन्हें किसी न किसी बात के लिए बुलाते रहेंगे। सपा राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि आपसे जो स्नेह मिला, उतना स्नेह किसी से नहीं मिला। आप सारे प्रोटोकॉल और बंधनों से मुक्त हो रहे हैं तो जब भी कुछ कहना पड़े तो आप संविधान और देश हित में बोलेंगे, ऐसी मेरी कामना है!