सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा दिए हैं। महाजन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “प्रियंका अच्छी महिला हैं। मगर (पूर्वी उत्तरप्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के रूप में) उनकी नियुक्ति से यह बात भी सामने आती है कि राहुल ने एक प्रकार से स्वीकार कर लिया कि राजनीति करना उनके अकेले के बस की बात नहीं है।” उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छी बात है कि राहुल को समझ आ गया कि वह अकेले राजनीति नहीं कर सकते। इसलिये उन्होंने बहन प्रियंका को अपनी मदद के लिये बुला लिया।” महाजन ने कहा था, “मैं कांग्रेस के परिवारवाद के झगड़े में नहीं पड़ती। यह विषय कांग्रेस के लोग ही जानें। लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि जिस व्यक्ति में नेतृत्व की ताकत है, उसे आगे आने का मौका दिया जाना चाहिये।”
महाजन का यह बयान सोशल मीडिया पर कई यूजर्स को रास नहीं आया। कई लोगों ने एक संवैधानिक पद पर बैठे शख्स के इस तरह किसी पार्टी के फैसले को निशाना बनाने की आलोचना की। कवि व नेता डॉ कुमार विश्वास ने ट्विटर पर लिखा, “आदरणीया ताई! आप लोकसभा अध्यक्ष के “संवैधानिक पद” पर हैं।” एक अन्य यूजर आलोक ने कहा, “मैडम इतनी राजनीति करनी है तो स्पीकर पद त्याग दो और अच्छे से करो।” मोहम्मद शहाब ने कहा, “कम से कम वरिष्ठ नेता और स्पीकर होने का तो ख्याल रखें।”
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महाजन ने मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव बनाये जाने पर बधाई दी।लोकसभा अध्यक्ष ने मीडिया से कहा, “पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव बनाकर सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है। मैं उनका अभिनंदन करती हूं, क्योंकि उन्हें यह जिम्मेदारी मिलना मध्यप्रदेश के लिये गौरव की बात है।” महाजन मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र की लोकसभा में वर्ष 1989 से लगातार नुमाइंदगी कर रही हैं, जबकि सिंधिया सूबे की गुना सीट से सांसद हैं।