भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) के गवर्नर पद से उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थोड़ी देर बाद ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘डाक्टर उर्जित पटेल एक पेशेवर व्यक्ति है जिनकी निष्ठा बेदाग हैं। उन्होंने रिजर्व बैंक आफ इंडिया में डिप्टी गवर्नर और गवर्नर के दायित्व में करीब छह सालों तक काम किया। वह अपने पीछे महान विरासत छोड़ गए है। हमें उनकी कमी महसूस होगी।’ मोदी ने यह भी कहा कि उर्जित पटेल उच्च क्षमता के अर्थशास्त्री है जिनकों आर्थिक विषयों से जुड़े सूक्ष्म मुद्दों पर गहरी समझ है। उन्होंने बैंकिंग प्रणाली को अफरातफरी से निकाल कर व्यवस्थित रूप में बढ़ाने का काम किया एवं अनुशासन सुनिश्चित किया। उर्जित पटेल के नेतृत्व में आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता कायम की।

हालांकि उर्जित पटेल के इस्तीफे और उन्हें ‘मिस करेंगे’ वाले ट्वीट के सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्लास लगा दी। नाना पाटेकर के पैरोडी अकाउंट से लिखा गया, ‘सरकार से लड़ते-लड़ते आखिरकार उर्जित पटेल हार ही गए।’ जैसन नाम के ट्वीट में लिखा गया, ‘आम चुनाव के बाद आपको (मोदी) भी याद किया जाएगा।’ निजाम ने ट्वीट कर लिखा, ‘मोदी 2019 के बाद भी देश की कमान संभालते हैं तो भारत एक और वेनेजुएला बना जाएगा।’ कुमार शास्वत लिखते हैं, ‘जो मोदी सरकार के शासन से इस्तीफा दे रहे हैं वो सिर्फ निजी कारणों से इस्तीफा दे रहा है। क्यों संयोग है ये।’

असीम भारद्वाज लिखते हैं, ‘एक और विशेषज्ञ का इस्तीफा, महान उपलब्धि।’ एक ट्वीट में लिखा गया, ‘सीबीआई, आरबीआई, चुनाव आयोग, मीडिया जैसी तमाम संस्थाओं की धज्जियां उड़ा रखी हैं इस सरकार ने।’ अनिल याद लिखते हैं, ‘आरबीआई सरकार का बैंक और बैंकों का बैंकर है। सरकार अपने ही बैंकर से उलझ जाए तो असर सरकार पर ही होगा।’

गौरतलब कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार (10 नवंबर, 2018) को पद से इस्तीफा दे दिया। हाल में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर उनके और सरकार के बीच तनाव पैदा हो गया था। एक संक्षिप्त बयान में पटेल ने कहा कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ने का निर्णय किया है। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण नहीं बताया है। पटेल आरबीआई के 24वें गवर्नर थे। उन्हें सितंबर 2016 में तीन साल के लिए इस पद पर गवर्नर नियुक्त किया गया था। उन्होंने रघुराम राजन की जगह ली थी।