फिल्म The Kashmir Files को लेकर पूरे देश में चर्चाएं हो रही है। इस फिल्म को लेकर अब राजनीति भी जमकर हो रही है। एक तरफ कुछ लोग यह कह रहे हैं कि फिल्म में अधूरा सच दिखाया गया है जबकि दूसरी तरफ लोगों का ये भी कहना है कि इस फिल्म के जरिए उन्हें यह पता चल पाया कि कश्मीरी पंडितों पर कितना अत्याचार किया गया था।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि “क्या यह डोक्युमेंट्री है या यह एक कमर्शियल फिल्म है। अगर ये डोक्युमेंट्री है तो हम मानते हैं कि जो भी दिखाया है वो सच है लेकिन जो फिल्म बनाते हैं वो कहते हैं कि इट्स बेस्ड ऑन ट्रू स्टोरी। इस फिल्म में उस समय की सरकार के बारे में झूठ दिखाया गया है। सच बात तो ये है कि जब कश्मीरी पंडित यहां से निकल गये तो फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं थे।”

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “उस वक्त राज्यपाल का राज चल रहा था। जगमोहन साहब गवर्नर थे। वीपी सिंह की सरकार थी और उस सरकार के पीछे बीजेपी थी। यह सब आप क्यों नहीं दिखाए फिल्म में? सच्चाई के साथ खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं है। अगर कश्मीर पंडित मरे हैं तो अफसोस है लेकिन क्या कश्मीरी मुस्लिम और सरदार नहीं मरें है। सभी को दुःख पहुंचा है।”

उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर अब लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बिपिन नाम के यूजर ने लिखा कि “शेख अब्दुल्ला से लेकर ऊमर अब्दुल्ला तक तीन पीढ़ियों ने कश्मीर पर शासन किया, कश्मीर को बर्बाद करने का दायित्व लेना पड़ेगा। हिंदू वहां पर हजारों साल से रह रहा था, जनवरी 1990 में जब हिंदू वहां से पलायन कर रहे थे। उस समय फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे इसके लिए ये खानदान जिम्मेदार है।”

केसी केडिया नाम के यूजर ने लिखा कि “कश्मीर के मुख्यमंत्री उस समय आपके अब्बा जान थे।” रमाकांत नाम के यूजर ने लिखा कि “बेशक सब सही था पर जो आप कह रहे हैं, वो भी सही है लेकिन पंडितो को मारा किसने, भगाया किसने ये भी बताओ।
अमित तोमर ने लिखा कि “जो आप कह रहे हो बता देते तो क्या हिंदुओ को मारना जस्टिफाई हो जाता।”

कपिल गोहिल नाम के यूजर ने लिखा कि “दाल में कुछ तो काला है वरना ये इतना व्याख्यान क्यों दे रहे हैं?” सारिका जैन नाम की यूजर ने लिखा कि “आपको कुछ बयान देना ही नहीं चाहिए क्योंकि जवाब देने के लिए हमारे सेक्युलर्स हैं ही ना, जो हर समय आप लोगों को डिफेंड करने के लिए जागते रहते हैं।”