देश के मंदी की आहटों और अर्थव्यवस्था पर असमंजस की स्थिति के बीच शुक्रवार (23 अगस्त, 2019) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए। उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही हिंदी चैनल एबीपी न्यूज पर ‘अर्थव्यवस्था की बदलहाली के लिए कौन जिम्मेदार है’ विषय पर डिबेट हो रही थी।
एंकर उसमें बारी-बारी से पैनलिस्ट से मसले पर सवाल-जवाब कर रही थीं, तभी उन्होंने वरिष्ठ सहयोगी, पत्रकार और एंकर दिबांग से इस मसले पर राय जाननी चाही तो उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा- देश में लोग बिस्कुट नहीं खा रहे। कच्छा नहीं खरीद रहे। सिर पर तेल नहीं लगा रहे हैं।
दरअसल, शाम को निर्मला सीतारमण ने सचिवों और जूनियर मंत्री के साथ जब पीसी की, तभी शो में एंकर रुबिका लियाकत ने दिबांग से पूछा था, “आपको क्या लगता है दिबांग, निर्मला सीतारमण क्या कहेंगी?”
वरिष्ठ पत्रकार और एंकर दिबांग ने इसी पर तंज कसा- वह (वित्त मंत्री) कहेंगी कि अंतर्राष्ट्रीय स्थिति गड़बड़ है। कुछ कहेंगी कि उनने कदम उठाए। मेरे ख्याल से सरकार थोड़ा और पहले जागती तो बेहतर होता…लोग बिस्कुट नहीं खा रहे। कच्छा नहीं खरीद रहे। तेल नहीं सिर पर लगा रहे हैं। गाड़ियां-मोपेट तक की बिक्री कम हो गई है। देखें, और क्या हुआ डिबेट में:
बता दें कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को शुक्रवार को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई के अब तक के सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिन के भीतर कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में रिफंड मामलों को 60 दिन के भीतर निपटा दिया जाएगा। एमएसएमई के रिफंड आवेदन करने के 60 दिन के भीतर उनको भुगतान किया जाएगा। उन्होंने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाने की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री की इस घोषणा पर एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बकाया जीएसटी रिफंड का 30 दिन के भीतर निपटान करने से एमएसएमई क्षेत्र को काफी फायदा होगा और यह रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने संवाददाताओं ने कहा कि एमएसएमई के लंबित पड़े जीएसटी रिफंड की रकम ”अच्छी-खासी” है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस समय जीएसटी रिफंड के रूप में औसत 7,000 करोड़ रुपये का बकाया है। हालांकि, उन्होंने एमएसएमई के लंबित जीएसटी की सटीक जानकारी नहीं दी है।