केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर समेत कई चीजों की कीमतें कम करने का फैसला किया है। नई कीमतें रविवार 22 मई से लागू हो गई हैं। मोदी सरकार ने उत्पाद शुल्क में बड़ी कटौती करने का फैसला किया है। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये की कटौती की जाएगी और डीजल पर 7 रुपये उत्पाद शुल्क घटाया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मना सीतारमण ने बताया कि ‘हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर कम कर रहे हैं। इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी।’ इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ‘हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 200 रुपये प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) की सब्सिडी देंगे।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: दीपक कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यूपी चुनाव के 15 दिन बाद ₹10 रेट बढ़ाई गई कम तो सिर्फ आठ रूपये किए हैं? क्या हुआ आजकल पेट्रोल, डीजल का रेट कंपनियों ने निर्धारित करना बंद कर दिया क्या? या अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंदी आ गई है?’ प्रणव मिश्रा ने लिखा कि ‘झूठा बिल्डर हसीन सपने’ ऐसी हरकतें तो वो बिल्डर करते हैं जो जमीन लेकर उसपर 22 मंजिला बिल्डिंग बनाकर जमीन के मालिक को एक कमरा देकर मालिक होने का हसीन सपना दिखाते हैं। बिल्डर इसमें सरकार बाकी सपने तो जनता देख ही रही है।’
ओबिदुल्लाह खान ने लिखा कि ‘मजाक चल रहा है पेट्रोल, डीजल, बढ़ते-बढ़ते 110 हो गया, 9.6रुपया घट भी जाए तो क्या फर्क पड़ता है, फिर भी तो महंगा ही है। जनता को राहत कब?’ जय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पहले लूटो उसके बाद ऐसा निर्णय लो तो उसको भी राहत ही बोलना पड़ता है।’ शिव सिंह ने लिखा कि ’50 रू. की चीज को 100 रू. का कर दो,फिर 10 का डिस्काउंट दे दो.. इसे कहते हैं, चकमा देना।’
बता दें कि सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क घटाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं। कांग्रेस का कहना है कि लगातार तेल के दाम बढ़ते गये और अब कुछ रूपये घटाएं हैं फिर भी आज हम वहीं खड़े हैं जहां दो महीने पहले थे। सरकार को उत्पाद शुल्क 2014 में जितना था, उतना ही करना चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने प्लास्टिक के पदार्थ, स्टील और सीमेंट को भी सस्ता करने का फैसला किया है।