राजस्थान के भीलवाड़ा से दिल को झकझोर देने वाली एक खबर सामने आई है, एक 10 से 15 दिन के बच्चे के साथ क्रूरता की हदें पार कर दी गईं हैं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वीडियो इतना भवायह है कि इसे हम आपके साथ शेयर नहीं कर सकते हैं। यहां एक नवजात को बिजौलिया उपखंड के माल का खेड़ा रोड स्थित सीताकुंड के जंगलों में मरने के लिए छोड़ दिया गया था। बच्चे की हल्की सी रोने की आवाज एक मवेशी चरा रहे एक चरवाहे ने सुनी, जब वे उस जगह पर गए और देखा तो हैरान रह गए। बच्चे की हालत देख उन्होंने फौरन मांडलगढ़ में सीता का कुंड मंदिर के पास के गांव के लोगों का सूचित किया, वे बच्चे को बचाने में जुट गए।

मेरी बेटी है… सास ने अपनी किडनी देकर बचाई बहू की जान, मां ने कर दिया था मना, पेश की मिसाल- भावुक कर रही सच्ची कहानी

बच्चे के साथ ऐसा क्या हुआ था कि देखने वाले रो पड़े?

जिंदा बच्चे के मुंह में पत्थर ठूसे गए थे और उसके होठों को फेवीक्विक से चिपका दिया गया था ताकि वह रोए तो किसी को आवाज न जाए। उसके जांघों पर फेवीक्विक लगाकर चिपकाया गया था ताकि वह मूवमेंट न कर सके। 15 दिन के नवजात के ऊपर पत्थर रखकर उसे दबा दिया गया था, धूप के कारण पत्थर गर्म हो गए थे जिससे बच्चे का शरीर झुलस गया था। बच्चे ही हालत देखने वाले लोग रोने लगे। जैसे ही बच्चे के मुंह से पत्थर निकाला गया वह जोर-जोर से मानो मां-मां करके रो रहा हो। वह मानो पुकार रहो है कि मां मैं तम्हें आवाज दे रहा हूं, मेरे मुंह में पत्थर क्यों भरे? मैं तुम्हारा ही तो अंश हूं। मीडियो रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर एक 15 दिन के बच्चे को उसकी मां ने जंगल में छोड़ दिया था।

132 रुपये से मैं अमीर नहीं बन रहा… कैब से उतरकर बिना पैसे दिए चली गई महिला, ड्राइवर का विनम्र जवाब हुआ Viral, दिल जीत रहा Video

जाको राखे साइंया मार सके न कोई

बच्चे को मारने की क्रूर कोशिश के बावजूद, वह चमत्कारिक रूप से बच गया। कहते हैं ना जाको राखे साइंया मार सके न कोई। यह घटना मंगलवार शाम की है, जब जंगल में अपने मवेशी चरा रहे एक चरवाहे को एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने जांच की तो एक नवजात को चट्टानों के बीच संघर्ष करते हुए देखकर हैरान रह गए। चरवाहे ने आसपास के ग्रामीणों को सतर्क किया, जिन्होंने बिजोलिया पुलिस को सूचित किया।

गर्म पत्थरों से झुलस गया बच्चे का शरीर

पुलिस अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और बच्चे को चट्टानों के नीचे से बचाया। बच्चे को उपचार के लिए बिजौलिया के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि बच्चे के मुंह और जांघ पर चिपकने के निशान थे। उन्होंने बताया कि उसकी हालत स्थिर है और उनमें सुधार हो रहा है, लेकिन उनके शरीर का बायां हिस्सा गर्म पत्थरों से जल गया है। बिजौलिया पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारी फिलहाल आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर रहे हैं और संभावित संदिग्धों से पूछताछ कर रहे हैं।