वन रैंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिक की आत्महत्या पर दिल्ली की सियासत खासी गर्मा गई है। बुधवार को नाटकीय घटनाक्रम में राम मनोहर लोहिया अस्पताल जाकर पीड़ित परिवार से मिलने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी को भीतर जाने की इजाजत नहीं दी गई। जब उन्होंने जबर्दस्ती करनी चाही तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। गांधी को करीब दो घंटे तक थाने में बिठाए रखा गया। ‘यह पहली बार है कि हमें पूर्व जवान के परिजनों से नहीं मिलने दिया गया। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।’ इस बीच थाने में पुलिसकर्मियों पर गुस्साते राहुल गांधी का वीडियो भी सामने आया, जिसे सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। दो घंटे बाद जब राहुल को रिहा किया गया था तो वे कांग्रेस नेताओं के साथ दोबारा पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने पहुंच गए। जहां उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया। दिल्ली पुलिस ने अपनी कार्रवाई पर सफाई देते हुए कहा कि अस्पताल प्रदर्शन करने की जगह नहीं है। एसीबी चीफ एमके मीणा ने कहा- ”यह अस्पताल है, प्रदर्शन करने की जगह नहीं। राहुल गांधी को इसलिए हिरासत में लिया गया है, क्योंकि उन्हें अंदर ना जाने की सलाह देने के बावजूद वे अस्पताल में घुसने की कोशिश कर रहे थे।”
वीडियो: गर्माई दिल्ली की सियासत, जंतर-मंतर पर बवाल
वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर धरने पर बैठे पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ने आत्महत्या कर ली थी। उनके बेटे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है जिसमें वह अपने साथ हो रहे ऐसे बर्ताव पर हैरानी जताते दिख रहे हैं। राहुल से पहले दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनी ष सिसोदिया को भी अस्पताल में पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने से पहले ही हिरासत में लिया गया था। इस पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘गुंडागर्दी’ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा- ‘अगर अपने राज्य में किसी की मौत पर उप-मुख्यमंत्री परिवार को सांत्वना देने जाए तो क्या उसे गिरफ्तार किया जाएगा? गुंडागर्दी की हद है मोदी जी।’ वहीं दूसरे ट्वीट में केजरीवाल ने कहा, ‘मनीष सिसोदिया को हिरासात में ले लिया। वे दिवंगत राम किशन जी के परिवार से मिलने गए थे। वह निर्वाचित डिप्टी सीएम है। मोदी जी आपको क्या दिक्कत है।? क्या आप असुरक्षित हैं।?’
सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के लिए माेदी सरकार को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है, क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। यूजर्स का तर्क है कि सिर्फ पूर्व सैनिक से मिलने की कोशिश पर इतना बड़ा बवाल नहीं होना चाहिए था। कई यूजर्स ने आरोप लगाया है कि अब सैनिकों को लेकर भी देश में राजनीति होने लगी है।
देखें, सोशल मीडिया पर कैसे घिरी मोदी सरकार:
Rahul Gandhi along w other senior Congress leaders detained again by Delhi Police.
Brutal use of state machinery by Modi Govt to suppress.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) November 2, 2016
Son of late Subedar Grewal exposes Modi Govt as his family is detained along with Rahul Gandhi for demanding justice. Shame! #ModiIsScared pic.twitter.com/ynFaOrysK8
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) November 2, 2016
After farmers, it is the soldier who commits suicide under Modi Govt! https://t.co/MI2bpUZ5xK
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) November 2, 2016
Modi Govt beats up family of Subedar Ramkishan Grewal, abuse hurled, dragged on the floor! Is this justice for soldiers Modiji?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 2, 2016
Not just anti democratic but barbaric act of Modi Govt to arrest sons of the deceased bcas they wanted 2 meet RG https://t.co/zTk9lsrFWM
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) November 2, 2016
Manhandling, Abusing & Beating of family members of Army's Jawans by Delhi Police who directly reports to Modi govt is totally condemnable
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 2, 2016
Congress Party strongly condemn arrest of Rahul Gandhiji along with sons of soldier Subedar Ramkishan Grewal by #Dictator_Modi Govt. #OROP
— With Congress Odisha (@WithCongOdisha) November 2, 2016
Arresting Rahul Gandhi twice, Modi Govt proved that they are shit scared of Rahul. Meeting dead martyrs family is a crime?
— Tarun (@tarunited101) November 2, 2016
this is the real face of Modi govt. now raising question on soldiers !!!! https://t.co/evlOkigCiP
— Amey Tirodkar (@ameytirodkar) November 2, 2016
As far as Delhi is concerned Pak must be really content how Modi govt is fantastically destroying entire city & democracy. No mercy!!!
— M S Rana⚓ (@ms_rana) November 2, 2016
Completely unnecessary PR disaster by the Modi Govt. Police shld have shown more humane face. Reminds me of similar stuff by UPA in 2013.
— Brijesh Pandey (@brijeshpandey27) November 2, 2016