केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर ऐसी टिप्पणी की कि सोशल मीडिया पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल करने लगे। पेगासस जासूसी को लेकर संसद में हुए हंगामे पर बीजेपी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आईं मीनाक्षी लेखी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘ पहले तो आप इन्हें किसान कहना बंद करिए, क्योंकि वह किसान नहीं मवाली है। इसको संज्ञान में लेना चाहिए। जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वह भी शर्मनाक था। वे अपराधिक गतिविधियां थी। उसमें विपक्ष की ओर से चीजों को बढ़ावा दिया गया।’
मीनाक्षी लेखी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग उन्हें जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। कुछ लोगों उन्हें इस पर इस्तीफा देने को बोल रहे हैं, वहीं कुछ लोग उन्हें माफी मांगने को कह रहे हैं। विपक्ष के नेता भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देने में पीछे नहीं है। कांग्रेस के नेता मुकेश शर्मा ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि शर्म करो। मीनाक्षी लेखी जी किसान मवाली नहीं बल्कि अन्नदाता है। इसलिए माफी मांगो या इस्तीफा दो।
कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने उनके इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि, ‘दिल्ली से BJP की सांसद, केंद्रीय मंत्री रंगा_बिल्ला की चेली का कहना है कि जंतर मंतर पर जो आंदोलन कर रहा है वह किसान नहीं मवाली है …अब तक तो इनके लिए किसान खालिस्तानी, आतंकी,आन्दोलनजीवी ,आराजक था। कुछ तो शर्म करो लेखी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा कि गाली-जीवी मोदी सरकार, अब हम अन्नदाता “मवाली” हैं। चुल्लु भर पानी में डूब मरो।
@JRAnjaniSharma ट्विटर अकाउंट से यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया कि पीएम अन्नदाता बोलते हैं उनके मंत्री मवाली? चल क्या रहा है सरकार में? @shadab_chouhan1 ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा गया कि मोहतरमा मीनाक्षी लेखी बताएं क्या आंदोलन करने वाले मरहूम जेटली जी सुषमा स्वराज जी मवाली थे? क्या संवैधानिक संघर्ष करना मवाली है? तो याद रखिए हम किसान अपने अधिकार के लिए हर संघर्ष करेंगे चाहे एसी के कमरों में बैठने वालों को कितना भी बुरा लगे।
शर्म करो!
मीनाक्षी लेखी जी किसान मवाली नहीं बल्कि अन्नदाता है!!
इसलिए माफी मांगो या इस्तीफा दो… pic.twitter.com/NOkdf66xRg
— Mukesh Sharma (@MukeshSharmaMLA) July 22, 2021
दिल्ली से BJP की सांसद, केंद्रीय मंत्री #रंगा_बिल्ला की #चेली का कहना है कि जंतर मंतर पर जो आंदोलन कर रहा है वह किसान नहीं #मवाली है …
अब तक तो इनके लिए किसान खालिस्तानी, आतंकी,आन्दोलनजीवी , आराजक था।
कुछ तो शर्म करो लेखी।#FarmersProtest_AtParliament https://t.co/XNl2CAD5X0— Alka Lamba (@LambaAlka) July 22, 2021
डॉ भरत नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कियह हमारे देश की केंद्रीय मंत्री हैं, किसानों को मवाली बोल रही है। जो किसान हमारा अन्नदाता है हमारे देश का पेट भरता है। मीनाक्षी लेखी जैसे लोगों को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं, शायद इनको पता नहीं किसान की ताकत क्या होती है, किसान है तो हम हैं।
वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया: केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर pic.twitter.com/CuFnHzLEFw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2021
पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने लिखा कि मीनाक्षी लेखी किसानों को ‘मवाली’ कह रही हैं, तो सुनिए मीनाक्षी जी। हमारे बाप दादाओं, पुरखों पर बदतमीज़ी करना बंद कर दीजिए। आप होंगी मवाली, आपके नेता होंगे मवाली। आप क्या समझती हैं किसान ट्विटर पर नहीं हैं तो उनके बेटे भी नहीं हैं? बदतमीज़ी करेंगी तो जवाब मिलेगा।