Mysuru News: पति और पत्नी में तो वैसे कई बातों को लेकर नोक झोंक होते रहती है। छोटी-छोटी बातों पर दोनों एक दूसरे से चिढ़ जाते हैं और फिर बहस शुरू हो जाता है। हालांकि, एक दंपति में छोटी सी बात को लेकर शुरु हुई बहस इतनी बढ़ गई कि बात तालाक तक पहुंच गई। हालांकि, कोर्ट ने चुटकियों में मामले का निपटारा कर दोनों की शादशुदा जिंदगी को वापस ट्रैक पर ला दिया। दोनों कोर्ट में एक दूसरे को माला पहना कर वापस घर चले गए।
नामकरण को लेकर विवाद शुरू हो गया
मामला मैसूर का है, जहां साल 2021 में हुनसुर निवासी दंपत्ति के घर बेटे का जन्म हुआ। बेटे के जन्म से दंपति काफी खुश था। हालांकि, कुछ ही समय बाद पति-पत्नी में बेटे के नामकरण को लेकर विवाद शुरू हो गया।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने अपने बेटे को ‘आदि’ नाम से पुकारना शुरू कर दिया। लेकिन पति को ये नाम रास नहीं आया। ऐसा इसलिए क्योंकि वो अपने बेटे का नाम ‘शनि’ देव के नाम पर रखना चाहता था। इस विवाद के कारण बच्चे का नाम सरकारी दस्तावेजों में रजिस्टर नहीं हो पा रहा था।
समय के साथ-साथ नामकरण को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद गहराता गया। दो साल तक दोनों किसी फैसले पर नहीं पहुंचे। विवाद इतना बढ़ गया कि तलाक तक की नौबत आ गई। आखिरकार पत्नी ने CrPC की धारा 125 के तहत कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच मध्यस्थता कराई
हालांकि, कोर्ट ने मामले की गंभीरता भांपते हुए इसे सुलझाने का फैसला किया। सहायक सरकारी वकील सौम्या एमएन ने कहा कि उन्होंने पति-पत्नी के बीच मध्यस्थता कराई। उन्होंने बेटे के लिए कई नाम सुझाए, जिन में से कुछ दोनों को पसंद आए।
ऐसे में शनिवार को हुनसूर जिले के आठवें एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट में जजों, सहायक सरकारी अभियोजक और अधिवक्ताओं ने 3 साल के बच्चे को माता-पिता की सहमति से ‘आर्यवर्धन’ नाम दिया। पूरे मामले में हुनसूर तालुक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एस शिवने गौड़ा ने बताया कि बच्चे के नामकरण के बाद दंपति ने अपने मतभेद भुला दिए। वो पिछली कड़वीं बातों को भुलाकर साथ-साथ घर गए। इस मौके पर मिठाइयां भी बांटी गई।