मंबई के ठाणे जिले से दिल दुखाने वाली खबर सामने आई है, यहां डोंबिवली कस्बे में सांप के डसने से चार साल की बच्ची और उसकी मासी की मौत हो गई। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पीड़ित युवती की सगाई हो चुकी थी, घर में खुशियां थीं और शादी की तैयारी चल रही थीं। जल्द ही उसकी शादी होने वाली थी, वह होने वाली दुल्हन थी। वह शादी की तैयारियों के बीच रात में सोने गई थी जहां पहले से ही जहरीला सांप छिपकर बैठा था। उसी बेड में उसकी भांजी सो रही थी, जो रोने लगी।

युवती को लगा कि वह उसकी मां के लिए रो रही है, उसने भांजी को अपनी बहन के पास भेज दिया और खुद उसी बिस्तर में सोने चली गई। इसके बाद ही उसे सांप ने काट लिया। तब उसे समझ आया कि उसकी भांजी को भी इसी सांप ने काटा होगा। उसने घरवालों को जानकारी दी, सभी दोनों को लेकर अस्पताल गए मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका।

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मामले में परिजनों और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नागरिक अस्पताल पर ‘एंटी-वेनम इंजेक्शन’ न रखने और उपचार में देरी करने का आरोप लगाया। प्राणवी विक्की भोईर और उनकी रिश्तेदार श्रुति अनिल ठाकुर (24) डोंबिवली के ठाकुरली खंबलपाड़ा इलाके में रविवार की रात एक रिश्तेदार के घर पर सो रहे थे तभी एक ‘मनयार’ (करैत) सांप ने उन्हें डस लिया।

परिजन द्वारा दोनों को कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के शास्त्री नगर अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने सांप के डसने का सामान्य इलाज शुरू किया और एक घंटे बाद भोईर की हालत बिगड़ने पर उसे कलवा स्थित नगरपालिका के छत्रपति शिवाजी अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। अपना कार से अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास पहुंचते ही लड़की की मौत हो गई।

परिजनों ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने लगभग एक घंटे तक चिकित्सक या हृदय रोग संबंधी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई। शास्त्री नगर अस्पताल में ठाकुर का इलाज किया जा रहा था, लेकिन चिकित्सकों ने बताया कि मंगलवार को उसकी भी मौत हो गई। पीड़ितों के परिजन ने लापरवाही का आरोप लगाया और संबंधित चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की।

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शास्त्री नगर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश चौधरी ने आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘‘लड़की को भर्ती करते ही आवश्यक उपचार शुरू कर दिया गया और उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे 20 मिनट के भीतर एक निजी एंबुलेंस से कलवा भेज दिया गया।’’ दूसरी ओर परिजन ने आरोप लगाया कि अस्पताल में एंटी-स्नेक वेनम (एएसवी) इंजेक्शन नहीं थे।

सामाजिक कार्यकर्ता सत्यवान म्हात्रे ने भालचंद्र पाटिल और अन्य लोगों के साथ अस्पताल में धरना दिया। चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपा शुक्ला द्वारा मौतों की गहन जांच किए जाने का आश्वासन देने के बाद विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। श्रुति ठाकुर की हाल ही में सगाई हुई थी और अगले महीने उनकी शादी होने वाली थी। घर में खुशियों की जगह अब मातम है।