मुंबई के राम मंदिर रेलवे स्टेशन पर देर रात की घटना ने इंटरनेट पर प्रशंसा बटोर ली है, जब एक शख्स के असाधारण साहस ने दो लोगों की जान बचाने में मदद की। मंगलवार को लगभग 1 बजे लोकल ट्रेन में यात्रा कर रही एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसके बाद बगल में बैठे शख्स ने प्लेटफॉर्म पर ही उसके बच्चे को जन्म देने में मदद की। उस शख्स के कारनामे और हिम्मत को देखकर लोगों को उसकी तुलना फिल्म ‘3 इडियट्स’ में आमिर खान की भूमिका रैंचो से कर दी, फिल्म के एक दृश्य में रैंचो ने बच्चे को जन्म देने में मदद की थी, इसी तरह यह शख्स भी ‘वास्तविक जीवन में रैंचो’ बन गया।

असल में हुआ क्या था?

दिल को छू लेने वाली इस घटना को प्रत्यक्षदर्शी मंजीत ढिल्लों ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई है। ढिल्लों के मुताबिक, उस शख्स ने महिला को दर्द में देखा और तुरंत ट्रेन की आपातकालीन चेन खींचकर उसे रोक दिया। ढिल्लों ने लिखा, “यह शख्स वास्तव में बहादुर है – उसका वर्णन करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं। बच्चा पहले ही आधा बाहर आ चुका था, वह आधा अंदर और आधा बाहर था। वास्तव में ऐसा लगा जैसे भगवान ने उस शख्स को वहां किसी कारण से भेजा था।”

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ऑनलाइन शेयर किए गए एक वीडियो क्लिप में, शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “पहली बार किया है जीवन में मैंने ये। इतना डर ​​लग रहा था ना पर वीडियो कॉल पर मैडम ने मदद की।” (“यह पहली बार है जब मैंने ऐसा कुछ किया है। मैं बहुत डरा हुआ था, लेकिन एक मैडम ने वीडियो कॉल पर मेरी मदद की।”)

प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, इमरजेंसी में कई बार कोशिश करने के बाद देरी होने के बाद एक महिला डॉक्टर ने वीडियो कॉल के जरिए पुरुष को प्रसव प्रक्रिया के लिए निर्देशित किया। ढिल्लन ने कहा, “हमने कई डॉक्टरों को बुलाया, लेकिन एम्बुलेंस में समय लग रहा था। आखिरकार, एक महिला डॉक्टर ने उन्हें कदम दर कदम मार्गदर्शन किया और उन्होंने हर निर्देश का पूरी तरह से पालन किया।”

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पोस्ट से यह भी पता चला कि महिला के परिवार ने पहले मदद के लिए नजदीकी अस्पताल से संपर्क किया था, लेकिन उन्हें वहां से लौटा दिया गया, जिससे उन्हें ट्रेन में लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। पोस्ट में कहा गया, “यह वाकई शर्मनाक है कि एक अस्पताल ने ऐसी स्थिति में एक मां की मदद करने से इनकार कर दिया।” सफल प्रसव के बाद यात्रियों और रेलवे स्टाफ की मदद से मां और नवजात को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया।

वीडियो में शख्स ने खुद को विकास बेंद्रे बताया। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने उस व्यक्ति के निस्वार्थ कार्य के लिए खूब तारीफ मिली। एक यूजर ने लिखा, “रोंगटे खड़े हो जाते हैं!! आज के समय में ऐसे बहादुर इंसान देखना दुर्लभ है।” एक अन्य ने टिप्पणी की, “बिना वर्दी के असली हीरो।”