पीएम मोदी के सत्ता में 20 साल पूरे होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक नेता हैं। उन्होंने मोदी जी जैसा श्रोता देखा ही नहीं है। किसी भी बैठक में मोदी जी कम से कम बोलते हैं। सबको धैर्यपूर्वक सुनते हैं और फिर उचित निर्णय लेते हैं। संसद टीवी से बातचीत में शाह ने कहा कि विरोधी हमेशा सच को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं।
गृह मंत्री का कहना था कि प्रधानमंत्री जोखिम लेकर फैसले करते हैं। वह डरते नहीं हैं कि सत्ता में ही बने रहना है। उनका लक्ष्य भारत फर्स्ट का है। पीएम मोदी का संकल्प देश को मजबूत करने का है। उनके पीएम बनने से पहले देश हर क्षेत्र में लगातार नीचे जा रहा था। दुनिया मे देश का कोई सम्मान नहीं था और सुरक्षा लचर थी। ऐसे माहौल में मोदी ने पीएम पद संभाला। सात साल के अंदर सारी व्यवस्थाएं सही हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का जीवन सार्वजनिक रहा है। मोदी ने प्रशासन की बारीकियों से समझा है। गुजरात में बीजेपी की हालत खराब थी, उसे पीएम मोदी ने ही खड़ा किया। उन्होंने समस्याएं भविष्य में भी आंएगी पर आज मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हर समस्या को सुना जाता है। तत्काल एड्रेस किया जाता है। उसके समाधान के प्रयास के साथ उसको संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ाया जाता है।
एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि पीएम के सार्वजनिक जीवन के तीन हिस्से किए जा सकते हैं। एक बीजेपी में आने के बाद का। दूसरा हिस्सा उनके मुख्यमंत्री के तौर पर और तीसरा राष्ट्रीय राजनीति में आकर प्रधानमंत्री बनने के बाद का है। उन्होंने कहा कि जब उनको बीजेपी में संगठन मंत्री बनाया गया तब बीजेपी की स्थिति गुजरात में खस्ताहाल थी। सारे देश में केवल दो सीटें आई थीं। उसके बाद बीजेपी की यात्रा शुरू हुई। वहां से बीजेपी ने आजतक पीछे मुड़कर नहीं देखा है।
शाह ने बताया कि पीएम मोदी का मानना है कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आए हैं केवल सरकार चलाने के लिए नहीं। हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है। शाह ने कहा कि 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है। पीएम मोदी के नहीं डरने का कारण यह है कि सत्ता में बने रहना उनका लक्ष्य नहीं है। यही उनकी सफलता का कारण है।