विदेश राज्य मंत्री और केंद्रीय संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी ने 1 मार्च को ईशा फाउंडेशन के संस्थापक अध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव से मुलाकात कर सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की। जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया यूजर्स के ट्रोल का सामना करना पड़ा। यूजर्स यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों का जिक्र कर उन पर तंज कसते नजर आए।

दरअसल, मीनाक्षी लेखी ने सद्गुरु से मुलाकात कर लिखा कि आज कोयंबटूर में सद्गुरु से मिलकर खुशी हुई। इसके साथ मीनाक्षी लेखी ने बताया कि सद्गुरु के साथ उन्होंने मिट्टी के स्वास्थ्य को लेकर बात की है। सद्गुरु ने मिट्टी बचाओ अभियान की सराहना भी की है और आने वाली पीढ़ियों के लिए मिट्टी के पोषण में सुधार के विषय पर भी चर्चा की है। कुछ ही देर में मीनाक्षी लेखी यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।

यूजर्स ने दी ऐसी प्रतिक्रिया : मीनाक्षी लेखी द्वारा शेयर की गई तस्वीर पर यूजर्स का कहना है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों की मदद करने के बजाय केंद्रीय राज्य मंत्री सद्गुरु के साथ मिट्टी पर चर्चा कर रही हैं। सपा नेता घनश्याम तिवारी ने लिखा कि विदेश राज्य मंत्री मिट्टी बचाने में लगी हैं और प्रधानमंत्री अपनी इमेज बचाने में लगे हैं। गृह मंत्री बीजेपी को बचा रहे हैं। छात्रों को खुद बचने की जरूरत है।

सूरज कुमार बौद्ध नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट आया – ये मीनाक्षी लेखी देश की विदेश मंत्री हैं। यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र मरने को मजबूर हैं लेकिन मंत्री साहिबा एक बाबा का प्रवचन सुनने कोयंबटूर के टूर पर निकली हैं। आग लगे चाहे बस्ती में…। दीपक शर्मा नाम के यूजर ने लिखा, ‘ जब देश के हजारों बच्चे जिंदगी और मौत के बीच यूक्रेन में फंसे हैं। तब देश की विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी सद्गुरु से ज्ञान लेने कोयंबटूर पहुंचीं। तस्वीर मात्र 24 घंटे पहले की है।’

दिलीप मंडल नाम के यूजर लिखते हैं कि ये भारत की विदेश राज्य मंत्री हैं। दुनिया इधर से उधर हो रही है और ये सद्गुरु से मिलने का आध्यात्मिक आनंद ले रही हैं। नरेंद्र मोदी ने भी क्या टीम बनाई है। एक से बढ़कर एक हैं। मेहुल नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट आया – यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चे की मौत हो गई है और मैडम टाइम पास में लगी हैं।