पिछले दिनों उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अधिवेशन में दिया गया महमूद मदनी का बयान खूब सुर्खियों में थे। अधिवेशन में बोलते हुए मदनी ने कहा था कि जिन्हें हम नहीं पसंद वो यहां से चले जाएं ये हमारा देश है और हम इस देश के हैं। सम्मलेन में महमूद मदनी ने कई विवादित मुद्दों पर अपनी राय रखी थी। अब ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर मचे बवाल पर अपनी राय दी है।

एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में महमूद मदनी से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘ज्ञानवापी, मस्जिद या जहां भी विवाद चल रहा है या केस चल रहा है। हमने तीन फैसले किए हैं। पहला फैसला- हरगिज ऐसे मामले को सड़क पर नहीं लाया जायेगा। किसी भी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर नहीं लाना है, किसी मीडिया पर नहीं लाना है डिबेट पर नहीं जाना है।’

मदनी ने कहा कि ‘दूसरा फैसला- केस जहां है, वहां की लोकल कमेटी लड़ें। हमें उसमें नहीं घुसना है. उन्हें किसी मदद की जरूरत है, मागेंगे तो हम मदद देंगे। खुद से हमें नहीं घुसना है। हमें इसे नेशनल मुद्दा नहीं बनाना है। लोकल लोग लड़ रहे हैं, लड़ें। तीसरी बात- इस पर कोई हंगामा नहीं करना है, जैसे चल रहा है वैसे चलने देना है।’

सवाल के जवाब में मदनी ने कहा कि ‘हमने लोगों से अपील की है, अपने लोगों से अपील की है कि इस मुद्दे को लेकर टीवी डिबेट में नहीं जाएंगे। मेरी अपील कोई मानें या ना मानें वो अलग विषय है। वैसे मामला कोर्ट में है इसलिए इस पर मेरे जवाब और बहस का क्या फायदा होगा। हमने फैसला किया है कि जहां भी दो समुदाय के बीच में झगड़ा होगा, ऐसे मसलों को या तो बात करके हल करेंगे या फिर कोर्ट के द्वारा हल किया जाएगा।

बता दें कि 28 और 29 मई को देवबंद में जमीयत की जलिस-ए-मुंतजिमा का सम्मेलन हुआ। जिसकी अध्यक्षता जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने की। यूनिफार्म सिविल कोड पर बोलते हुए महमूद मदनी ने कहा कि ये हमें मंजूर नहीं है। यह संविधान की भावना के खिलाफ है, जो प्रत्येक नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता देता है। मदनी ने कहा कि ‘बार-बार हमें पाकिस्तान जाने को कहते हैं, हमें पाकिस्तान जाने का मौका मिला था, जिसे हमने रिजेक्ट कर दिया था।’