केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि कोरोना की दूसरी लहर में देश में किसी की भी मौत की ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई। दरअसल कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने राज्यसभा में कोरोना संक्रमण की दोस्ती लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर सरकार से सवाल किया था। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि राज्यों की तरह से दी जाने वाली जानकारी में इसका विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीज मारे गए।
इस खबर पर लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। एक ट्विटर यूजर अमित मिश्रा लिखते हैं कि सरकार बेशर्म हो चुकी है। एनडीटीवी के पत्रकार सौरभ शुक्ला ने लिखा कि संसद में भी झूठ। इस खबर पर एक टि्वटर हैंडल से कमेंट आया कि लोग अपना गला दबा कर खुद ही मर गए। पत्रकार स्तुति मिश्रा ने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए लिखा कि कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है।
आज तक की न्यूज़ एंकर चित्रा त्रिपाठी ने लिखा कि, ‘दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से गईं कितनी जानें? केंद्र ने कहा- राज्यों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली। जिनके परिवार के लोग ऑक्सीजन की कमी से मारे गए हैं, ये पढ़कर उनके उपर क्या गुज़र रही होगी ? सोचिएगा।
दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से गईं कितनी जानें? केंद्र ने कहा- राज्यों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली.
(( जिनके परिवार के लोग ऑक्सीजन की कमी से मारे गए हैं, ये पढ़कर उनके उपर क्या गुज़र रही होगी ? सोचिएगा ))
— Chitra Tripathi (@chitraaum) July 20, 2021
उन्होंने दूसरे ट्वीट के जरिए लिखा कि वो बेबस/मायूस चेहरे और दम तोड़ते लोग आँखों के सामने घूमने लगते हैं। राज्यों की ज़िम्मेदारी सुनिश्चित हो और वो बतायें कि ऑक्सीजन की क़िल्लत से कितनों की साँसें रुक गईं?
सरकार बेशर्म हो चुकी है… pic.twitter.com/U4wxvwLHhy
— Amit Mishra (@Amitjanhit) July 20, 2021
सुमित कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि भले ही मोदी सरकार के आंकड़ों में लोगों की जिंदगी और मौत की गिनती शून्य हो पर सांसो (ऑक्सीजन) के लिए दर दर भटका तड़पता इंसान, चीखता-चिल्लाता उजड़ा हुआ परिवार और अपनी आगोश में लाशों की ढेर लिए शमसान घाट सरकार के हर आकड़ो पर कालिख पोतती है। अभिषेक कुमार ऑक्सीजन की कमी की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखते हैं कि और एक भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है।
भले ही मोदी सरकार के आंकड़ों में लोगों की जिंदगी और मौत की गिनती शून्य हो पर सांसो (ऑक्सीजन) के लिए दर दर भटका तड़पता इंसान, चीखता-चिल्लाता उजड़ा हुआ परिवार और अपनी आगोश में लाशों की ढेर लिए शमसान घाट सरकार के हर आकड़ो पर कालिख पोतती है!!#Repost pic.twitter.com/Ap98QL0Zdc
— Sumit Kumar (@skphotography68) July 20, 2021
ऑक्सीजन की कमी से जिनकी तड़प तड़प कर मौत हुई उनकी आत्मा ने ये सुना होगा। उनकी आह लगेगी। https://t.co/oTwr3d9J8d
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) July 20, 2021
एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने लिखा कि, ‘ऑक्सीजन की कमी से जिनकी तड़प तड़प कर मौत हुई उनकी आत्मा ने ये सुना होगा। उनकी आह लगेगी।’ स्वतंत्र पत्रकार रणविजय सिंह ने लिखा कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी, लोग यूं ही मर रहे थे।