नए संसद भवन का उद्घाटन हो चुका है लेकिन इससे जुड़ा विवाद शांत नहीं हो रहा है। कई विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर दिया था, जिस पर अब गीतकार मनोज मुंतशिर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कार्यक्रम में न शामिल होने वाले नेताओं की तुलना असुर से कर दी। इस अपर कांग्रेस के कई नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है।

क्या बोले मनोज मुंतशिर?

मनोज मुंतशिर ने एक कार्यक्रम में कहा, “नए संसद भवन वास्तु शास्त्र का पूरा ध्यान रखा गया है और हुआ क्या लोकार्पण के दिन 19 दलों ने अपनी ही सांसद में जाने से इंकार कर दिया। ऐसा विश्व में पहली बार हुआ होगा। अपने लोकतंत्र के मंदिर का बहिष्कार कौन करता है भाई? ये तो दुश्मनों वाला काम है।”

विपक्ष की तुलना असुरों से?

इसके बाद मनोज मुंतशिर ने कहा कि विपक्षी दलों के बहिष्कार से यह साबित हो गया कि वास्तु शास्त्र जो मोदी जी ने करवाया था, वो काम कर रहा है। आसुरी शक्तियां संसद भवन से दूर हैं। मनोज मुंतशिर का यह वीडियो शेयर कर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

भड़के कांग्रेस नेता ने दी चेतावनी

कांग्रेस नेता विक्रांत भूरिया ने कहा है कि मनोज मुंतशिर से पूछना चाहूंगा कि महाकाल लोक का उद्घाटन भी क्या असुरों ने किया था। जिस कारण से सारी मूर्तियां खंडित होती जा रही है। विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वह उस समय बना है, जब कोरोना से देश में त्राही-त्राही मची हुई थी।

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति जी जो आदिवासी हैं, उनके माध्यम से उद्घाटन होना था। हमारे तानाशाह ने उनसे ये अधिकार छीन लिया। क्या आदिवासी सिर्फ एक वोट बैंक हैं?’ विक्रांत ने चेतावनी दी है कि ऐसी हरकतों से बाज आएं मनोज मुंतशिर, वरना यूथ कांग्रेस विरोध करेगी।

@BabelePiyush ने लिखा कि भाजपा के नेताओं में अब कांग्रेस और विपक्ष के सवालों का जवाब देने का दम नहीं बचा है इसलिए भाड़े के टट्टुओं को जनता की गाढ़ी कमाई से भाड़ा देकर विपक्ष को गाली दिला रहे हैं। सिंहस्थ से महाकाल तक घोटाले करने वाली भाजपा मानसिक सन्निपात का शिकार हो गई है। इन पर जनता का वज्रपात जल्द ही होगा।

@Ahirwar_Mithun यूजर ने लिखा कि मनोज मुंतशिर का यह बयान कि भारत की संसद में मोदी जी ने वास्तु शास्त्र लगवाया है और उस कारण असुर जैसी शक्तियां संसद से बाहर है। यह आदिवासी विरोधी बयान है क्योंकि यदि वास्तु शास्त्र की वजह से अगर असुर बाहर हैं तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी भी संसद में नहीं पहुंची।