महाराष्ट्र के ठाणे में गुरुवार (9 अगस्त) को शहीद मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे को शोकाकुल परिवार और हजारों लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी। इस दौरान जिसने भी मेजर राणे की पत्नी कनिका राणे और इन दोनों के ढाई साल के बेटे अगस्त्य को देखा, बिना रोये नहीं रह सका। कनिका राणे को सेना के अफसरों ने जब वो तिरंगा सौंपा जिसमें मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे अपने अंतिम यात्रा पर निकले थे, उसे हाथ में लेकर कनिका राणे बिलख बिलख कर रो पड़ीं। इस दृश्य को देख वहां शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो रो ना पड़ा हो। जब फूलों से सजा सेना का ट्रक शहीद मेजर के पार्थिव शरीर को लेकर उनके मीरा रोड स्थित आवास से शमशान की ओर जा रहा था तो उनके अंतिम दर्शनों के लिए सड़कों पर लोग लाइनों में खड़े थे। लोग शहीद को फूल चढ़ा कर अंतिम विदा दे रहे थे।

उनकी अंतिम यात्रा के दौरान पूरा रास्ता पीले फूलों से पट सा गया था। मुंबई के बाहर स्थित पूरा मीरा रोड अपने बहादुर बच्चे के शहीद होने से दुखी और शोकाकुल था।बता दें कि उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में दो दिन पहले घुसपैठ के प्रयास को नाकाम करते हुए मेजर राणे और तीन अन्य सैनिक शहीद हो गये थे। इस अभियान में कम से कम दो आतंकवादी भी मारे गये थे। मेजर कौस्तुभ का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गयी और पूरा शमशान घाट ‘वंदे मातरम’, ‘भारत माता की जय’ और ‘मेजर कौस्तुभ राणे अमर रहे’ के नारों से गूंज उठा। पति को अंतिम विदाई देने आई अपने ढाई साल के बच्चे अगस्त्य के साथ आयी कनिका जार-जार रो रही थीं। अब से कुछ ही दिन बाद रक्षा बंधन का त्योहार है। राणे की बहनों ने अंतिम बार अपने भाई को राखी बांधने की इच्छा पूरी करते हुए मेजर की चिता पर राखियां बांधी जबकि उनके माता-पिता ने अपने बेटे की अंतिम यात्रा के लिए उनके पसंदीदा चॉकलेट चिता पर रखे। शहीद मेजर को उनके पिता ने मुखाग्नि दी।
Heartbroken for Kanika Rane. Here she is receiving the flag that draped her husband Major Kaustubh Rane today. He was just 29. They have a 2-year-old. Another day on the LoC, another family. pic.twitter.com/q7u3scwS3x
— Shiv Aroor (@ShivAroor) August 9, 2018
भारी भीड़ की वजह से शमशान में कुछ देर के लिए अफर-तफरी का माहौल रहा। राणे के परिवार को लोगों से शांत रहने का अनुरोध करना पड़ा। लोग अंतिम संस्कार देखने के लिए पेड़ों पर चढ़ गये, पास की इमारतों की छत पर चढ गये। स्थानीय नेताओं के अलावा दक्षिणी पश्चिमी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन सहित सेना के तमाम वरिष्ठ अधिकारी इस अंतिम समय में मौजूद थे।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)