दशहरे के मौके पर शिवसेना की रैली में एकनाथ शिंदे ने भावुक भाषण दिया। सीएम के इस भाषण की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है। शिंदे ने कहा कि वह अपने शरीर में खून की आखिरी बूंद तक मराठा आरक्षण के लिए लड़ेंगे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी को नमन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का पद उनके लिए गरीबों की सेवा के सिवा कोई मायने नहीं रखता।
मुंबई के आजाद मैदान में हुई दशहरा की रैली में सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा – मैं भी एक सामान्य मराठा परिवार से हूं। मैं उनका दुख-दर्द समझता हूं। मैं भी उससे वाकिफ हूं। जस्टिस शिंदे की कमेटी काफी काम कर रही है। हमने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। किसी के साथ अन्याय किए बिना, किसी का आरक्षण हटाए बिना, सरकार मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण देगी। मैं एकनाथ शिंदे मराठा समुदाय के लिए तब तक लड़ूंगा जब तक मेरे शरीर में खून की आखिरी बूंद भी रहेगी। हम किसी और के साथ अन्याय किए बिना मराठा समाज को न्याय देंगे।’
बता दें कि एकनाथ शिंदे का बयान ऐसे वक्त में आया है जब मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में मुद्दा गरमा रहा है। मराठा क्रांति मोर्चा आरक्षण को लेकर आक्रामक हो रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया था कि 40 दिनों के भीतर मराठा आरक्षण लागू किया जाए। ये 40 दिन दशहरे के दिन खत्म हो गए हैं। मराठा राजनीति की बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने मंच पर अपना भाषण बीच में रोका और छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के पास जाकर उन्हें प्रणाम किया और वापस आकर अपना भाषण शुरू किया। शिंदे ने आरक्षण की मांग में आक्रामक होने वालों से अपील की कि वह आत्महत्या जैसे कदम ना उठाएं। कोई भी आत्मघाती कदम उठाने से पहले अपने परिवार के बारे में सोचें। यह सरकार आपकी ही है। शिंदे लोगों को याद दिलाया कि जब देवेंद्र फडणवीस सीएम थे तो आरक्षण देने का काम हमने किया था।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर भी तीखा निशाना साधा। शिंदे ने कहा कि हमने हिंदुत्व के लिए सत्ता छोड़ी, आप सत्ता के लिए लाचार हो गए हैं। कांग्रेस के साथ उद्धव के गठबंधन पर हमला बोलते हुए शिंदे ने कहा कि जिनसे हमेशा बाला साहेब ठाकरे ने दूरी बनाकर रखी उसी कांग्रेस में उद्धव अपने दल का विलय करने की तैयारी में हैं। हमने ना तो सत्ता के लिए कोई समझौता किया और ना ही करेंगे।
शिंदे यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा – आपने अपनी वैचारिक विरासत के साथ बेईमानी करके बाला साहेब ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा है। मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर वह अपने स्वार्थ के लिए हमास या लश्करे तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से भी गठबंधन कर लें।