कुछ समय पहले मध्य प्रदेश में हिंदी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर कदम उठाये गए थे। अब एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, “अंग्रेज चल गए पर हमारे ऊपर भाषा थोप गए लेकिन MP में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में की जाएगी।” सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह के इस बयान पर लोग तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।

अंग्रेजी को लेकर क्या बोले शिवराज सिंह चौहान?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हममें से बहुत से ऐसे बहुत से लोग है जो बहुत अच्छी अंग्रेजी नहीं जानते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे पास बुद्धि नहीं है। अंग्रेजी कोई बुद्धि का पर्याय नहीं है। हर कोई अपनी मातृभाषा में सोचता है और बेहतर करता है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की पूरी पढ़ाई हिंदी में होगी।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

शिवराज सिंह चौहान के इस बयान पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। @Jay23Sharma यूजर ने लिखा कि इनका बेटा विदेश में अंग्रेजी में पढ़ेगा लेकिन मध्यप्रदेश का युवा मेडिकल और इंजीनियरिंग हिन्दी में करेगा। ये बेरोजगारी बढ़ाने वाला कदम है। हिंदी में इंजीनियरिंग करने वाले को किसी भी अच्छी कंपनी में नौकरी नहीं मिलेगी, मिल भी गई तो पद और वेतन अच्छा नहीं मिलेगा। @Safikma39697715 यूजर ने लिखा कि ये वही सीएम हैं जिनका बेटा कुछ दिन पहले विदेश में डिग्री लिया था, वह भी अंग्रेजों के यहां अंग्रेजी में पढ़ाई करके, तब इन्होने गर्व से ट्विटर पर ट्वीट किया था।

@AshokManvtavadi यूजर ने लिखा कि खुद का बेटा विदेश में अंग्रेजों की भाषा में पढ़ रहा है और यहां के बच्चों को हिन्दी का ज्ञान दे रहें हैं, ये नेता देश के बच्चों को अंध भक्त बनाना चाहते हैं क्या? @MoShari28115784 यूजर ने लिखा कि हिंदी भाषा में पढ़ाई होगी तो मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सिर्फ देश में ही काम कर पाएंगे, विदेश जाने के काबिल नहीं रहेंगे। @Aarif17588397 यूजर ने लिखा कि दुनिया कुछ भी कहे लेकिन मेरे बेटे की शिक्षा तो मैं अंग्रेजो के देश में ही कराऊंगा।

बता दें कि 16 अक्टूबर को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में एमबीबीएस की हिंदी किताबों का विमोचन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया था। इस पूरे प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों, मेडिकल स्टाफ और मंत्री दिन रात जुटे हुए थे। विमोचन के मौके पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि गरीब और कमजोर परिवारों के बच्चे जो अंग्रेजी में तेज नहीं थे, उन्हें मेडिकल की पढ़ाई से वंचित होना पड़ता था। ऐसी प्रतिभाएं कुंठित हो जाती थीं और उज्ज्वल भविष्य बनने से रह जाता था, अब ऐसी बाधाएं नहीं रहेंगी।