Loksabha Election 2019 से पहले एक टीवी चैनल द्वारा कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था। कॉन्क्लेव के दौरान एंकर ने अखिलेश यादव से कहा, “आपकी सेना पूरी आज आयी है, ताली बजाने।” इस पर अखिलेश यादव ने वहां मौजूद लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा, “यदि ये मेरी सेना है, तो ये किसकी है? ये भी बता दो मुझे। और देखो, सेना में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनका नाम मैं नहीं बता सकता। वो मेरे ही हैं, आपके नहीं हैं।” अखिलेश यादव के जवाब पर वहां मौजूद लोग तालियां बजाने लगे।

इसके बाद एंकर ने आगे पूछा, “5-6 साल पहले, 2012 की बात है। आप बोलते बहुत कम थे। आज मैं देख रहा हूं कि आप बिल्कुल नवजोत सिंह सिद्धू बन गए हैं। ये क्या फर्क आ गया अखिलेश जी? लगता है कि आपकी भी छाती बढ़ रही है?” अखिलेश ने कहा, “देखिए, अब जितनी बड़ी छाती होगी, वो तो कुंभ के स्नान में देख ली सबने।”

इंडिया टुडे द्वारा आयोजित कॉन्क्लेव में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री बनना तो नहीं चाहते लेकिन बनाना अवश्य चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हमेशा ही देश को प्रधानमंत्री दिया है और कोई यदि इस पद पर आना चाहता है तो उसे उत्तर प्रदेश आना ही होगा जैसा कि नरेंद्र मोदी ने किया। यहां उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की लोकसभा में उस टिप्पणी को विशेष तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं दी थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री बनना नहीं चाहता। मैं दौड़ में शामिल नहीं हूं, लेकिन मैं बनाना चाहता हूं। हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री किस प्रकार बनते हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह यह चाहते हैं कि बसपा प्रमुख मायावती प्रधानमंत्री पद पर आसाीन हों, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रसन्नता होगी कि कोई उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री बने।’’ अखिलेश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ‘महागठबंधन’ का हिस्सा है, किंतु वे इस प्रश्न का उत्तर देने में विफल रहे कि सपा और कांग्रेस किस प्रकार लोकसभा चुनावों में किस प्रकार अकेले और एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे है।

उन्होंने कहा कि यह ‘‘मोदी’’ के प्रति भय नहीं है जो सपा व बसपा को निकट लाया है अपितु यह संविधान और देश को बचाने की लड़ाई है।’’ गौरतलब है कि हाल ही में सपा और बसपा ने लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन किया है। उन्होंने कहा,‘‘सपा, बसपा और अन्य क्षेत्रीय दल हमारे साथ हैं और उत्तर प्रदेश में एक ‘महागठबंधन’ है..जब बसपा, सपा, कांग्रेस, रालोद और निषाद पार्टी साथ हैं..तो क्या ये एक गठबंधन नहीं है।”

उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘गठबंधन’ है और कांग्रेस हमारे साथ है। उत्तर प्रदेश को हाथ भी पसंद है और हाथी भी।’ विपक्षी दलों के जुड़ने को विचारों का ‘संगम’ बताते हुये अखिलेश ने कहा, ‘‘यह संविधान को बचाने की लड़ाई है और देश को उनसे ‘‘मुक्त’’ कराना है जिन्होंने इसे उजाड़ दिया है।’’ (भाषा इनपुट के साथ)