केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि मुझे देश के मुख्य न्यायाधीश ने पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर न्यायाधीशों के खिलाफ टिप्पणियों पर एक्शन लेने को कहा, मैंने उनके पत्र का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं जवाब देता तो हमें इस मसले पर सोचना पड़ता। किरेन रिजिजू ने कहा कि आधे समय न्यायाधीश नियुक्तियों को तय करने में व्यस्त होते हैं, जिसके कारण न्याय देने का प्राथमिक काम प्रभावित होता है।
क्या बोले कानून मंत्री?
कानून मंत्री ने कहा कि पिछले 8 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने कभी न्यायाधीशों के अधिकारों को कम करने की कोशिश नहीं की है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को नियुक्त करना सरकार का काम है। दुनिया में कहीं भी न्यायाधीशों को दूसरे न्यायाधीश नियुक्त नहीं करते। सोशल मीडिया पर तमाम लोग केंद्रीय कानून मंत्री के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
@bestquotes65 यूजर ने लिखा कि इनका कहने का सीधा मतलब ये है कि न्यायपालिका अब सरकार के पैरों में गिर जाए और अपनी स्वतंत्रता को त्याग कर CBI ,ED के तरह तोता बन जाए। सरकार जज को नियुक्त करेगी तो क्या वह अपने लोगों को तरजीह नहीं देगी, जो उसे फायदा पहुंचा सके। न्यायपालिका को ब्लैकमेल करने की कोशिश है। @Ts8239456Singh यूजर ने लिखा कि जिला न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, इस समय बेड़ियों में जकड़ा हुआ है और यह सब मोदी-शाह के इशारे पर हुआ है।
अक्षय कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि अगर सरकार जज को नियुक्त करने लगी तो वो हमेशा अपने फायदे वाले को ही चुनेगी और इस तरीके से अपने पक्ष में फैसले हासिल करेगी। वैसे BJP के समय में यही हो रहा है। एक यूजर ने लिखा कि ये तो वही नेता जी हैं ना, जिन्होंने कहा था कि मैं बीफ खाता हूं। @MahiJi2Boss यूजर ने लिखा कि ये तो शlयद वही हैं जिन्होंने कहा था कि मैं बीफ खlता हूं, ये बीजेपी में तो नहीं होंगे पक्का!
बता दें कि न्यायिक सक्रियता (ज्यूडिशियल एक्टिविज्म) से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका अगर अपने-अपने दायरे में रहें और अपने काम में ही ध्यान लगाए तो फिर यह समस्या नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि संविधान कहता है कि भारत के राष्ट्रपति न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे, इसका मतलब है कि कानून मंत्रालय भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा।’