रांची की एक सीबीआई अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला में देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में शनिवार (6 जनवरी) को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं पांच लाख जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने लालू के दो पूर्व सहयोगियों लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष की कैद एवं बीस लाख रुपये के जुर्माने एवं बिहार के पूर्व मंत्री आर के राणा को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की सजा सुनायी। फैसला आने के बाद लालू के पुत्र और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में कहा कि हम लालू प्रसाद को दीषी ठहराये जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद अपील दायर करेंगे। लालू यादव को सजा सुनाए जाने के बाद ट्वीटर पर लगातार प्रतिक्रियाएं मिल रही है।

लालू यादव को 3.5 साल की कैद सुनाने के बाद जज शिव पाल सिंह (फोटो-पीटीआई, 6 जनवरी)

एक यूजर ने लिखा लालू यादव को जेल में रखने के बजाय जू में रखना चाहिए, और उससे जो इनकम हो उससे चारा खरीदना चाहिए।’ एक यूजर ने तंज कसा, ‘खाके पीके मोटे होके चोर बैठा रेल में, चोरों वाला डब्बा कट के पहुंचा सीधा जेल में ।’ कोमल सैनी ने लिखा, ‘कांग्रेस राज में लालू “रेल” में थे और मोदी राज में “जेल” में हैं, राँची जेल में करो तैयारी, आ रहे हैं लालटेन धारी।’ ट्विटर पर एक शख्स ने राय दी, ‘ना होटल का ना रेल का ,लालू चारा खायेगा जेल का।’ एक यूजर ने लिखा कि आज मवेशियों को इंसाफ को इंसाफ मिल गया।

गौरव सिंह ने लिखा, ‘लालू जी, ये राजनैतिक नाटक बंद कीजिये, आप को सजा मिली है धोखाधड़ी और जनता के पैसे का गबन करने के आरोप में, कोई आज़ादी की लड़ाई नहीं लड़ रहे थे आप।’ एक यूजर ने राय दी, ‘बीवी को मुख्यमंत्री, अपने लड़कों को मंत्री और बिटिया को राज्यसभा भेजने में नही याद आया की ये अन्याय और गैर बराबरी है उन तमाम समर्थकों के साथ जो झंडा लिए घूमते हैं तुम्हारा, करप्शन चार्ज में अंदर गए हो कामरेड, बॉर्डर पे शहीद नही हुए हो, रोना बंद करो।’