इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार (17 जुलाई, 2019) को देश के हाथ बड़ी जीत लगी, पर पाकिस्तान ने वहां तगड़ा झटका मिलने के बाद भी इसे अपनी जीत करार दिया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसी पर पड़ोसी मुल्क पर तंज कसते हुए कहा कि गलती आप लोगों की नहीं है। फैसला ही अंग्रेजी में सुनाया गया, जो कि आप लोगों को समझ में नहीं आया।

बता दें कि जाधव के मामले में आईसीजे ने 15-1 के फैसले से भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनकी फांसी पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी। कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने न सिर्फ विएना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है, बल्कि जाधव के अधिकारों का भी हनन किया है। कोर्ट ने इसके अलावा भारत को इस मामले में काउंसलर की एक्सेस देने की बात भी कही।

हालिया फैसले के कुछ ही देर बाद पाकिस्तानी सरकार के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “यह पाकिस्तान के लिए बड़ी जीत है। आईसीजे ने जाधव को रिहा करने और भारत भेजने की मांग खारिज कर दी।” सिंह ने इसी पर लिखा, “इसमें आपकी गलती नहीं है। फैसला ही अंग्रेजी में सुनाया गया।”

नीदरलैंड के द हेग स्थित आईसीजे ने व्यवस्था दी कि पाकिस्तान को जाधव को सुनाई फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुनःविचार करना चाहिए। साथ ही राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए। बता दें कि 49 वर्षीय भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी। भारत में इस बाबत खासा गुस्सा देखने को मिला था।

कोर्ट के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अगुवाई वाली 16 सदस्यीय बेंच ने जाधव को दोषी ठहराए जाने और उन्हें सुनाई सजा की ‘प्रभावी समीक्षा करने और उस पर पुनःविचार करने’ का आदेश दिया। बेंच आगे बोली- उसने पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया था कि मामले में अंतिम फैसला तब तक नहीं आता, तब तक जाधव को सजा नहीं दी जाए।

हालांकि, बेंच ने भारत की अधिकतर मांगों को खारिज कर दिया, जिनमें जाधव को दोषी ठहराने के सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उन्हें रिहा करने और भारत तक सुरक्षित तरीके से पहुंचाना शामिल है। पीठ ने एक के मुकाबले 15 वोटों से यह व्यवस्था भी दी कि पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी के बाद राजनयिक संपर्क के भारत के अधिकार का उल्लंघन किया।