पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कनक सरकार ने महिला वर्जिनिटी को लेकर फेसबुक पर कई विवादित पोस्ट किए। इन पोस्टों में से अधिकांश में भ्रामक और सेक्सी कमेंट थे। एक पोस्ट में उन्हें वर्जिन लड़की की तुलना सील बोतल और पैकेट से की। उन्होंने लिखा, “क्या आप कोल्ड ड्रिंक की बोतल या बिस्कुट के पैकेट खरीदते समय टूटी सील वाली खरीदने को तैयार हैं?”

सरकार ने कहा कि वे लड़के मूर्ख हैं, जो वर्जिन लड़की या पत्नी के महत्व के बारे में अवगत नहीं हैं। सरकार जो कि एक डॉक्टरेट हैं और उनके पास पढ़ाने का 20 साल से ज्यादा का अनुभव है, कहते हैं कि एक लड़की का जन्म ‘कुंवारी’ होता है ओर एक ‘कुंवारी पत्नी परी की तरह’ होती है। सरकार कहते हैं, “जन्म से लड़की तब तक कुंवारी होती है, जब तक …खोला न जाए। एक कुंवारी लड़की का अर्थ है मूल्यों, संस्कृति और यौन स्वच्छता के साथ कई चीजें होती है।” हालांकि, बाद में उन्होंने अपने पोस्ट डिलिट कर दिए।

पिछले साल 9 नवंबर के एक पोस्ट में सरकार ने कहा था, “आजकल के लड़के-लड़कियां यह सोचते हैं कि ब्रह्मचर्य और कौमार्य नैतिकता का हिस्सा नहीं हैं। यही वजह है कि धूर्त और शातिर लड़के लड़कियों का शोषण कर रहे हैं।” कौमार्य को महत्व देते हुए, सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि यह उतना ही कीमती है जितना ईमानदारी और नैतिकता।

बीते 22 दिसंबर की पोस्ट में सरकार में सरकार ने वर्जिनिटी की बराबरी गरिमा के साथ की और कहा कि अगर कोई महिला शादी से पहले वर्जिन है, तो उसे इस बात का गर्व होना चाहिए। उसे जश्न मनाना चाहिए। सरकार ने लिखा, “शादी की बातचीत, प्रेम प्रसंग के दौरान या विवाहित जीवन में भी अपने कौमार्य के बारे में चर्चा करें। मुझे यकीन है कि आपको अपने पति या प्रेमी द्वारा काफी ज्यादा सम्मान मिलेगा।” सरकार ने जापान का उदाहरण देते हुए लड़कियों के बीच कौमार्य को बचाने रखने की बात कही। उन्होंने कहा, “वे गर्व से यह कहते हैं कि जापान में 99 प्रतिशत लड़कियां शादी से पहले तक वर्जिन रहती है। जापान का समाज काफी विकसित और प्रगतिशील है।”

एक बार फिर 12 जनवरी को सरकार ने कहा कि महिला को तब तक कुंवारी रहना चाहिए जब तक उसकी शादी न हो जाए। सरकार ने कहा, “दुर्भाग्य यह है कि शादी से पहले कई महिलाएं अपनी वर्जिनिटी गंवा देती है और कई पुरुष अपना ब्रह्मचर्य गंवा देते हैं।” इस तरह के कार्यों के लिए आधुनिकता और पश्चिमी समाज को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार ने कहा कि कौमार्य के महत्व का नुकसान सामाजिक मूल्यों की सामान्य अज्ञानता के कारण हुआ है। हालांकि, एक फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, दिलचस्प बात यह है कि सरकार के यौन शोषण के आरोपी हैं। हालांकि, इन आरोपों की पुष्टि हम नहीं करते हैं।