पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। अमृतपाल सिंह फरार है और पुलिस उसका पीछा कर रही है। इसी बीच रविवार 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग में खालिस्तान समर्थकों ने तिरंगे को उतार कर खालिस्तान का झंडा लगाने की कोशिश की, जिसका वीडियो सामने आया है। सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और उच्चायोग की इमारत पर बड़ा झन्डा लगा दिया है। हालांकि अब भारतीय सिखों ने दिल्ली में इसका जवाब दिया है।
दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग पहुंचे सिख समुदाय के लोग
सिख समुदाय के कई लोग तिरंगा हाथ में लेकर दिल्ली स्थित ब्रिटिश के उच्चायोग के सामने पहुंचे गए। भारत माता की जय के नारे लगाते सिख समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने ‘भारत हमारा स्वाभिमान है’ और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे’ के नारे लगाये। भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इसका वीडियो शेयर किया है
लोगों की प्रतिक्रियाएं
@gurudas83 यूजर ने लिखा कि ये वही कौम है जिसने हिंदुस्तान को हिंदुस्तान बनाने में सबसे ज्यादा कुर्बानियां दी हैं, ये तो पूरा का पूरा हिंदुस्तान उनका है लेकिन खालिस्तानियों को कौन समझाए। @rakeshkaul007 यूजर ने लिखा कि भारत के सिखों ने ब्रिटिश उच्चायोग में इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से विदेशों में बैठे सभी भारत विरोधी लोगों को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश दिया है। हम कुछ लोगों को हमारे देश के साथ पूरे समुदाय को बदनाम या कमजोर नहीं करने देंगे।
@Niveshak_ यूजर ने लिखा कि एक सच्चा सिख कभी अपनी भारतमाता का अपमान नहीं कर सकता। वाहे गुरु दा खालसा, वाहे गुरु दी फ़तह। @vyankateshlohiy यूजर ने लिखा कि कुछ गद्दार तो कही भी निकल जाते हैं पर भारत के सभी सिख भाई देश भक्त हैं,उन्हें किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं। @NadeemRamAli यूजर ने लिखा कि जो लोग भी भारत की अखंडता को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं इन लोगों सफाया अतिआवश्यक हैं । ना भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा, ना खालिस्तान बनेगा, ना इस्लामिक राष्ट्र बनेगा, ना कोई और राष्ट्र बनेगा, भारत केवल संविधान से चलेगा।
बता दें कि खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला करने की कोशिश की और तिरंगा हटाकर खालिस्तानी झंडा लगाने की कोशिश की है। सामने आये वीडियो में दिखाई दे रहा है कि उच्चायोग के सामने खालिस्तान समर्थकों ने खूब हंगामा किया। इस पर भारत सरकार ने कड़ा एतराज जताया है। इसी बीच इसका विरोध करने के लिए सिख समुदाय के लोग ब्रिटिश उच्चायोग के सामने पहुंच प्रदर्शन किया।