नॉएडा में गिराए गये ट्विन टावर को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि इस मामले के दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। भाजपा पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने ना तो उच्‍च न्‍यायालय में हुई बहस को पढ़ा है और ना ही सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को, जिसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। अखिलेश के आरोपों पर यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने पलटवार किया है।

केशव प्रसाद मौर्या ने किया पलटवार

केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट कर कहा है कि श्री अखिलेश यादव जी का सपा शासनकाल में भ्रष्टाचार की इमारत ढहने से व्यथित होकर बयान दे रहे हैं! इसके अलावा मीडिया से बात करते हुए केशव प्रसाद मौर्या ने कहा था कि समाजवादी पार्टी ने भ्रष्टाचार को पूरी तरह से संरक्षण दिया गया है। अखिलेश यादव को जवाब देना चाहिए, तत्कालीन सरकार और उस दौरान तैनात अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं 

राजा राम सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि पांच वर्ष तक आपकी पार्टी का भी तो संरक्षण था? रेखा सोनी नाम की यूजर ने लिखा कि महोदय दूसरों पर कीचड़ उछालने से अच्छा है कि खुद का दामन साफ है या नहीं, यह देखा जाए। आप लोग तो सिर्फ राजनीति करने में लगे हैं और जनता कितनी परेशान है, बढ़ती महंगाई पर कोई सोचने वाला नहीं है। एक यूजर ने लिखा कि ऐसा लगता है जैसे आपका काम बस ट्वीट करना ही रह गया है और किसी काम में आप दिखाई नहीं देते हैं।

शैलेश सिंह राठौर ने उपमुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए लिखा कि मौर्या जी आप लोगों को कोई और काम करने को मिलता है या बस विपक्ष को ताने मारने के लिए बाज़ार में छोड़ा गया है ? जितना दिमाग विपक्ष की टांग ख़ीचने में लगाते हैं, उससे आधा भी अगर जन कल्याण में लगा दें तो चुनाव में वोट के लिए भीख ना मांगना पड़े। अखिलेश श्रीवास्तव नाम के यूजर ने लिखा कि उस वक्त के सभी भ्रष्ट अधिकारी मौजूद हैं उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? 

हिमांशु अवस्थी नाम के यूजर ने लिखा कि पहले लिखा क्या है? आप खुद समझ लीजिए। सपा शासनकाल में जो इमारत बनी है उसको लोकभवन कहते हैं। आप किस इमारत की बात कर रहे हैं? अशोक यादव नाम के यूजर ने लिखा कि सपा के सासन काल में तो विधानसभा भवन और लखनऊ का क्रिकेट स्टेडियम, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे और भी बहुत सारी चीज़ें बनी हैं। दम है तो उनको भी तोड़ दो।

बता दें कि नॉएडा में बने ट्विन टावर्स को तोड़ने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। इसके बाद 28 अगस्त को दोपहर करीब 2-30 मिनट पर ब्लास्ट कर इस बिल्डिंग को तोड़ दिया गया। आरोप है कि नॉएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सुपरटेक ने इस बिल्डिंग का निर्माण करवाया था जोकि अवैध था।