उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सोशल मीडिया के जरिए विपक्षी दलों पर अक्सर ही कटाक्ष करते नजर आते हैं। उनके द्वारा किए गए पोस्ट पर लोग को प्रतिक्रिया भी देते हैं। इस बीच उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक ट्वीट किया। जिस पर कुछ लोग उन्हें ट्रोल करने लगे तो वहीं कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी किया।

केशव प्रसाद मौर्य का ट्वीट

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से लोकसभा 2024 को लेकर लिखा, ‘यदुवंशियों,रविदासवंशियों के साथ पसमांदा मुस्लिमों को भी भाजपा के साथ लायेंगे। 2024 में यूपी के हर बूथ में कमल ही कमल खिलायेंगे।’ यूपी डिप्टी सीएम के इस ट्वीट पर कुछ लोग सिराथू सीट की हार का जिक्र करते हुए चुटकी ले रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने लिखा है कि यादव कभी भी उनके साथ नहीं आने वाले हैं।

लोगों के रिएक्शन

नेहा यादव नाम की एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि अपनी सीट तो बचा नहीं पाए। रिंकू नाम के ट्विटर यूजर पूछते हैं, ‘ क्या आपको पता है कि बीजेपी सरकार में इन्हीं तीनों लोगों पर सबसे ज्यादा मुकदमे हुए और जेल भेजे गए हैं।’ अतुल कुमार सेठ नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – ब्राह्मणवाद और ठाकुरवाद के आगे आपकी रत्ती भर नहीं चलने वाली है। अनुराग नाम के एक यूजर ने लिखा कि हिंदू मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष होंगे आप। कांग्रेस नेत्री सदफ जफर ने यूपी डिप्टी सीएम के पोस्ट पर तंज कसते हुए लिखा, ‘ उम्मीद है कि 2024 तक आपको बैठने के लिए स्टूल मिल जाएगा, ना मिले तो बताइएगा हम भिजवा देंगे।’

रिजवान नाम के ट्विटर हैंडल से सवाल किया गया कि आप सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि अपर कास्ट मुस्लिम को हम अपनी पार्टी के साथ नहीं लेंगे। माननीय मुख्यमंत्री जी, क्या आप अपर कास्ट मुसलमानों के उपमुख्यमंत्री नहीं हैं? क्या मुसलमानों की ऊंची जातियों पर आपकी पार्टी भाजपा का ये ऑफिशियल स्टैंड है, जेपी नड्डा जी? सुनील यादव नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘अपनी स्टूल बचाए रखने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है, वैसे आप अपनी सीट तो बचा नहीं पाए थे।‘ अभिनव शुक्ला नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि अरे कुछ तो कंट्रोल करिए। जरा सिराथू वाली सीट पर भी नजर डाल लेते, वहां जनता ने कैसे हराया है।

यूपी में 62 सीटों पर जीती थी बीजेपी

लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में लहर चली थी। विपक्षियों के सारे दांव को दरकिनार करते हुए भाजपा ने 62 संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी। वहीं बीजेपी की सहयोगी दल अपना दल (एस) को 2 सीटें मिली थीं। 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कोई भी करिश्मा नहीं दिखा पाई थी। एक तरफ बसपा के खाते में 10 सीटें आई थी तो वहीं सपा केवल 5 सीटों पर ही अपनी जगह बना पाई थी। कांग्रेस केवल एक सीट पर ही सिमट गई थी।