कठुआ गैंगरेप पीड़िता का केस अपने हाथ में लेकर सुर्खियों में आईं दीपिका सिंह राजावत की एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें वह पुरुष वकीलों से घिरी हुई पूरे आत्मविश्वास में दिख रही हैं। इस तस्वीर के सामने आने के बाद कई लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। अशवाक मसूदी ने दीपिका सिंह की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हमलोग कितनी बार इस तरह की तस्वीर देखते हैं। विश्वास से भरी एक पेशेवर महिला जिनके हर तरफ पुरुष हैं, लेकिन कोई भी उनको घूर नहीं रहा है।’ एक यूजर ने लिखा, ‘बहुत अच्छा। बहादुरों को और शक्ति मिले।’ सौम्या ने ट्वीट किया, ‘यह मेरी मनपसंद तस्वीर बन गई है।’ विल्सन ने लिखा, ‘स्वाभाविक तौर पर यह सबसे अच्छी बात है।’ नादिर बिन अब्दुल करीम ने ट्वीट किया, ‘उन्हें मेरी शुभकामनाएं। उम्मीद करता हूं कि हमलावरों को मौत की सजा मिलेगी।’ मोहम्मद शरीफ ने लिखा, ‘मुझे इस महिला (दीपिका सिंह) पर बहुत गर्व है। वह अपनी जिंदगी की परवाह नहीं करती हैं…वह तो सिर्फ न्याय के लिए लड़ती हैं।’ हालांकि, कुछ लोगों ने इसमें कुछ खास न होने की भी बात कही। वेंकट ने ट्वीट किया, ‘कई बार। मैं आपके पास-पड़ोस के बारे में नहीं जानता, लेकिन मेरा तो बहुत सामान्य है। पुरुषों के साथ कठिन परिश्रम करने वाली महिलाएं भी काम करती हैं।’ पी. थोमा ने लिखा, ‘मैं तस्वीरों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैं वास्तविक जिंदगी में आमतौर पर ऐसा देखता हूं।’
How often do we see a photograph like this? A confident, professional woman flanked by men who are not lecheroulsy staring at her. pic.twitter.com/x0fSa786bT
— Ashwaq Masoodi (@ashwaqM) April 17, 2018
दीपिका सिंह कठुआ गैंगरेप और हत्याकांड मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। उनका आरोप है कि यह मामला हाथ में लेने के बाद से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि कठुआ गैंगरेप मामले में पुलिस जब कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने जा रही थी तो वकीलों ने पुलिसकर्मियों का रास्ता रोकने की कोशिश की थी। बार एसोसिएशन पर मामले की सुनवाई में बाधा उत्पन्न करने का भी आरोप लगाया गया था। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कठुआ बार एसोसिएशन को कड़ी फटकार लगाई थी। शीर्ष अदालत ने बार से स्पष्ट शब्दों में पूछा था कि बार ने हड़ताल वापस लिया है कि नहीं। इस पर बार की ओर से पेश अधिवक्ता कौशल भूषण ने कहा कि 12 अप्रैल को ही हड़ताल को वापस ले लिया गया था। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि पीड़ित पक्ष के वकील को कोर्ट में पेश होने से नहीं रोका जाएगा। जम्मू बार एसोसिएश की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीठ को बताया कि हड़ताल दूसरी मांग को लेकर किया गया था, जिसे कठुआ मामले के साथ मिला दिया गया था।