गणतंत्र दिवस के दिन उत्‍तर प्रदेश के कासगंज में हिंसा हुई। कथित तौर पर उस दिन की घटना से जुड़े वीडियो अब सोशल मीडिया पर साझा किये जा रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो ‘Unofficial Sususwamy‏’ नाम के ट्विटर अकाउंट द्वारा 31 जनवरी को शेयर किया गया। वीडियो में कुछ गाड़‍ियों पर तिरंगा और कुछ पर भगवा झंडा लिए युवक नारेबाजी कर एक गली से गुजरते दिख रहे हैं। वीडियो फूलों की किसी दुकान के भीतर से लिया गया मालूम होता है। ‘वंदे मातरम’ के नारों के बीच कुछ युवक कहते हैं, ”हिंदुस्‍तान में रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा।’ बिना हेलमेट निकले इन युवाओं में से किसी-किसी गाड़ी पर तीन-तीन लोग बैठे हैं। आगे जाकर रैली अटकती है तो एक समूह में नारे लगने लगते हैं।

इस वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। नीरज कश्‍यप ने लिखा है, ”अगर हम राजनेताओं को छोड़ दें, तो हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई झगड़ा नहीं है। 1947 से पहले और बाद में ऐसे झगड़ों के लिए नेता जिम्‍मेदार हैं।” केके नाम के यूजर्स लिखते हैं, ”इनमें से कोई भी राष्‍ट्रवादी यातायात के भारतीय नियमों का पालन नहीं कर रहा है। किसी ने हेलमेट नहीं पहना है और अधिकतर बाइक्‍स पर 3 लोग सवार हैं। पहले यहां का कानून फॉलो करें और फिर हम राष्‍ट्रवाद की बात कर सकते हैं।

इंद्राणी ने कहा, ”शिक्षा नहीं, नौकरी नहीं, हेलमेट नहीं। चुनावी खेल खेलने में उपयोगी।” प्रणजीत ने लिखा, ”ये देशभक्ति और राष्‍ट्रवाद की जगह अराजकतावाद ज्‍यादा दिखा रहे हैं! ये मोटरसाइकिल गैंग मजे से एक एजेंडे के साथ घूम रहा है। उनके मन में तिरंगे के प्रति या देश की संप्रभुता के प्रति कोई सम्‍मान नहीं है।”

देखें यह वीडियो:

लोगों की प्रतिक्रियाएं:

https://twitter.com/countrkloppwise/status/958571764702998528

https://twitter.com/Shailz_Singh/status/958609927844528128

कासगंज मामले पर राजनीति गर्म है। बुधवार को प्रशासन ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के नेतृत्व में कासगंज जाने वाले प्रतिनिधिमंडल को इजाजत नहीं दी। इससे पहले मंगलवार को चंदन के परिवार से मिलने आ रहे अलीगढ़ बजरंग दल के जिला संयोजक धर्मवीर सिंह लोधी और उनके साथियों को मिशन चौराहे के पास पुलिस ने रोक दिया था।

मंगलवार को ही उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कासगंज हिंसा को एक बड़ी साजिश करार देते हुए इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया था।