कई बार सुनने को मिलता है कि बूढ़े मां बाप को अकेला छोड़ बच्चे चले जाते हैं और उन्हें कोई पूछने तक वाला भी नहीं होता लेकिन आज हम आपको 21वीं सदी के श्रवण कुमार की कहानी बताएंगे। जो लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ अपने पिता की मृत्यु के बाद मां को स्कूटर से भारत भ्रमण करा रहे हैं।
मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे कृष्ण कुमार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ दक्षिणमूर्ति कृष्ण कुमार कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम करते थे। वहीं, उनकी उनकी मां 10 लोगों के संयुक्त परिवार के बीच घर का काम करती थीं। कृष्ण कुमार ने बताया कि एक बार वह नौकरी से घर आने के बाद मां चूड़ारत्नम्मा से कुछ प्रमुख मंदिरों का नाम लेते हुए पूछा कि क्या वहां पर वह गईं हैं?
बेटे का यह सवाल सुन मां की आंखें भर आई और उन्होंने बताया कि वह अपने गांव में स्थित मंदिर के अलावा कहीं भी दर्शन करने के लिए नहीं गई हैं। इस जवाब पर कृष्ण कुमार ने फैसला लिया कि अब नौकरी छोड़कर मां को भारत भ्रमण कराएंगे।
कृष्ण कुमार ने बताया कि पिछले 5 साल से वह कलयुग के श्रवण कुमार की तरह पुराने स्कूटर से 73 वर्षीय मां को भारत घुमा रहे हैं। भारत के अलावा उन्होंने मां को नेपाल, भूटान और म्यांमार सहित कई और जगहों पर दर्शन कराया है। यात्रा पूरी होने के विषय पर कृष्ण कुमार कहते हैं कि उनका यात्रा का कोई लक्ष्य नहीं है और उन्हें नहीं पता कि यह यात्रा कब पूरी होगी लेकिन वह मां को घूमाते चले जा रहे हैं।
मेहनत की कमाई से मां को करा रहे सैर
कृष्ण कुमार ने कहा कि वह अपनी मेहनत की कमाई से मां को देश की सैर करा हैं। जानकारी के लिए बता दें कि उन्होंने मैसूर से 16 जनवरी 2018 को अपने सफर की शुरूआत की थी और अब तक कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक कई राज्यों का सफर तय कर चुके हैं। कृष्ण कुमार ने अपनी यात्रा को लेकर कहा कि जहां-जहां वह गए, वहां- वहां उन्हें लोगों का खूब प्यार भी मिला है।