गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से ही भारतीय जनता पार्टी जुट गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) इस वक्त गुजरात दौरे पर है। इस दौरान वह अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम पहुंचे। जहां उन्होंने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को श्रद्धांजलि देने के बाद चरखा चलाया। उनके चरखा चलाने को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही है।
लोगों ने यूं ली चुटकी : अमर सिंह नाम के यूजर द्वारा कमेंट किया गया नड्डा जी चरखा चलाने का महत्व गांधीजी के पदचिन्ह पर चलना है। जो बीजेपी के किसी नेता का धर्म नहीं। मनीष भदौरिया नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘ दिल, मन और मस्तिष्क में गोडसे और सावरकर को रखने वाले जब गांधी को पूछते हैं तो आवाज आती है रोंग नंबर।’ नम्रता नाम की एक यूजर ने कमेंट किया कि गोडसेवादियों को गांधीजी के चरखे का सहारा है।
सूर्य त्रिपाठी नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि बोलने के लिए चाहे जो बोलो लो, पर सच यही है कि देश के भीतर और देश के बाहर कोई भी राजनेता महात्मा गांधी की परछाई से बाहर नहीं निकल सकता है। दयाशंकर यादव नाम के एक यूजर सवाल करते हैं – इसको देख कर लग रहा है कि अगला चुनाव गुजरात में ही है। अरशद हुसैन ने कमेंट किया, ‘ गोडसे की भक्ति करने वाले भी गांधी जी के शरण में आते हैं।’
सुनील शर्मा नाम की एक यूजर लिखते हैं कि गांधीजी का चरखा हर भाजपाई चलाना चाहता है लेकिन उनके उपदेश पर चलना कोई नहीं। अनुभव सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा – मुंह में गांधी.. दिल में गोडसे..। दीपक कुमार नाम के एक यूजर पूछते हैं कि यह सब लोग गांधी का चरखा क्यों चलाते हैं? गोडसे की बंदूक क्यों नहीं चलाते?
जेपी नड्डा ने अहमदाबाद में विपक्षी दलों को दी चुनौती : गुजरात पहुंचे भाजपा अध्यक्ष ने इससे पहले अहमदाबाद में आयोजित एक जनसभा में विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए कहा कि जो पार्टी बीजेपी के साथ कंपटीशन करना चाहती है, उसे आने वाले समय में और कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात मॉडल की बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने केवल गुजरात मॉडल ही नहीं बल्कि विकास का मॉडल देश में स्थापित किया है, हमें इसे आगे बढ़ाना है।