देश में ही इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) को लेकर चर्चा जोरों पर है। सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दल के नेता तक इस पर बात करते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी से लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत और पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के साथ ईडी ने पैसों के लेन -देन को लेकर पूछताछ की है। इसी बीच पत्रकार आशुतोष ने ED को लेकर एक ट्वीट किया। जिस पर लोग कई तरह के रिएक्शन दे रहे।

पत्रकार आशुतोष ने किया यह पोस्ट

आशुतोष ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से लिखा, ‘कोई बच्चा जो 100 में से 33 नंबर नहीं पाता तो नाकारा घोषित कर दिया जाता है। ED 200 में से एक नंबर पाती है और उसे नाकारा नहीं माना जाता। वो सरकार का कोहिनूर है।’ आशुतोष द्वारा किए गए इस ट्वीट पर कुछ लोग उनका समर्थन करते नजर आ रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल भी किया है।

लोगों के जवाब

संजय कुमार सिंह नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि नामुमकिन मुमकिन है, अनपढ़ शिक्षा मंत्री भी हो सकते हैं। विवेक नाम के ट्विटर यूजर द्वारा लिखा गया, ‘अब आपसे कौन ED के लिए नंबर मांग रहा है, तुम तो उसे जीरो भी दे दोगे।’ रघुनाथ नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि ईडी नाकारा नहीं है बल्कि आर्थिक अपराधी बहुत शातिर हो गए हैं। अनुभव शुक्ला नाम के एक यूजर ने पूछा – कोहिनूर की चमक सरकार पर निर्भर करती है? गजब की विवेचना है।

विजय नाम के एक यूजर लिखते हैं कि अभी तक जानकारी में ऐसा था कि ईडी का काम भ्रष्टाचार मिटाना है लेकिन सही जानकारी दो अब मिली है। ईडी का काम भ्रष्टाचार मिटाना नहीं बल्कि विपक्ष को सताना है। रंजीत सिंह नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘ईडी सरकार के विरोधियों पर भी कहर बनकर टूट रही है तो इतना ही नाम मिलना ही चाहिए।’ प्रकाश नाम के टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि भ्रष्ट नेताओं के ऊपर चल रही ED जांच पर इतने सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? इसका मतलब दाल में कुछ काला है।

5, 422 केस में केवल 0.46% लोगों को मिली है सजा

1 जुलाई 2005 को लागू होने के बाद से 31 मार्च 2022 तक 2022 PMLA के तहत ईडी द्वारा 5, 422 मामले दर्ज किए गए। जिनमें से केवल 25 लोगों को दोषी ठहराया गया। जानकारी के लिए बता दें कि साल 2016 से 2021 के बीच भारत में अलग-अलग एजेंसियों ने 35 लाख कर पाई आर दर्ज की। जिसमें से ही ने इनमें 2086 को संज्ञान में लिया।