अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी शासन आने के बाद से ही महिलाओं के ऊपर जुल्म बढ़ता ही जा रहा है। 21 दिसंबर 2022 को तालिबान की सरकार ने औरतों के यूनिवर्सिटी जाने पर रोक लगा दी। अफगानिस्तान के इस फैसले पर कई मुस्लिम देशों ने आपत्ति जताई लेकिन वहां के हुक्मरान अपना फैसला बदलने के लिए तैयार नहीं हुए। अब इसको लेकर मशहूर गीतकार जावेद अख्तर(Javed Akhtar) ने ट्वीट कर सवाल किया है। जिस पर लोग तरह-तरह के जवाब दे रहे हैं।
जावेद अख्तर ने ट्विटर पर पूछे ऐसे सवाल
गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान को लेकर ट्विटर पर सवाल किया,“तालिबानियों ने इस्लाम के नाम पर लड़कियों और महिलाओं को स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और हर तरह की नौकरी करने से रोक दिया है। भारत में मुस्लिम पर्सनल बोर्ड और अन्य इस्लामिक विद्वानों ने अब तक इसकी निंदा क्यों नहीं की है। क्यों?” जावेद अख्तर के इस सवाल पर कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने तंज कसते हुए जवाब दिया है तो वहीं कुछ लोगों ने उनकी बातों का सर्थन किया है।
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने दिया ऐसा जवाब
जावेद अख्तर के ट्वीट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जवाब दिया,”जावेद साहब इन्होंने आज तक कब किया है जो अब करेंगे? आख़िर जमात तो एक ही है ना? राजौरी में कुछ दिन पहले हिंदुओं की हत्या हुई थी जिससे सारा देश कांप गया। काश आप एक ट्वीट कर के उन परिवारों के साथ अपना दुख व्यक्त करते?
जावेद अख्तर के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूज़र्स ने दिए ऐसे रिएक्शन
@harsha9476 नाम की एक यूजर ने जवाब दिया,”क्योकिं वह लोग भी यही चाहते हैं और उनकी तरह हिजाब का भी समर्थन करते हैं।” @harjeetsood नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- आपको दूसरे देश की बड़ी चिंता है। अपने देश में भी तो वही हो रहा है। हिजाब पर क्या कहोगे? मुंह भी नहीं खुलेगा आपका?
@Tasvi6 नाम के एक यूजर द्वारा कमेंट किया गया,”वह इसकी निंदा क्यों करेंगे? जबकि वह लोग खुद ऐसा चाहते हैं, तभी तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार का विरोध करते हैं। @farziketweet नाम के एक यूजर ने लिखा ,”क्योकि वह लोग स्वयं भारत को तालिबान बनाने पर तुले हुए हैं। उन्हें क्यों फ़र्क़ पड़ेगा?” @Sanghchint नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि आज सूरज पश्चिम से कैसे उग गया?
अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने महिलाओं की पढ़ाई और नौकरी पर लगाई रोक
अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने 21 दिसंबर 2022 को एक फरमान जारी करते हुए कहा कि अब तालिबानी महिलायें नौकरी और पढ़ाई नहीं करेंगी। तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री ने हाल में ही इस पीछे का करण बताते हुए कहा,”विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जा रहे कुछ विषय इस्लाम के सिद्धातों के खिलाफ हैं इसलिए बैन लगाया गया है।”