अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले जगद्गुरु परमहंस आचार्य अब एक बार फिर सुर्खियों में हैं। परमहंस आचार्य आगरा पहुंचे, जहां उन्हें ताजमहल के अंदर जाने से रोक दिया गया। परमहंस आचार्य ने कहा कि “मैंने भगवा पहना है और ब्रह्मदंड लिया हुआ है इसलिए मुझे ताजमहल में प्रवेश करने की इजाजत नहीं मिली।” मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने अब आचार्य से माफी मांगी है।
परमहंस आचार्य ने कहा कि है कि “मैं यहां आया था, जो कि एक मंदिर है। इसका गलत इतिहास बताया गया कि यह ताजमहल है जबकि यह एक शिवमंदिर है। मैंने भगवा पहना है और ब्रह्मदंड लिया हुआ है इसलिए मुझे ताजमहल में प्रवेश करने की इजाजत नहीं मिली।” खबरों के अनुसार, प्रशासन ने परमहंस महाराज से माफी मांगी है। उनका कहना है कि भगवा वस्त्र की वजह से उन्हने नहीं रोका गया बल्कि ब्रह्मदंड की वजह से उन्हें रोका गया था।
सोशल मीडिया पर अब लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। स्वामी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये वही हैं क्या जो जलसमाधि के चक्कर में पूरा दिन खराब करवा दिए थे। टीवी पर आंखें गड़ाए बैठे थे कि कब लेंगे,कब लेंगे? ये पक्का न्यूज चैनल वालों की TRP बढ़ाने वाला काम करते हैं।’ परवेज गांधी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मैं माननीय योगी आदित्यनाथ जी से आग्रह करता हूं कि एक बुलडोजर ताजमहल पर भी चलवा दो, ये रोज-रोज का बवाल ही खत्म हो जाए। ना रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी।’
राजू सिंह चौहान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘तुम वहां क्या करने गये थे? तुम्हें तो अभी पुरानी वाली जल समांधि भी लेनी है, याद है? या भुल गये।’ आशीष नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये कैसा नशा है कि मस्जिद को मंदिर बताने का? जो मंदिर बने हैं, जहां शिवलिंग हैं, उसको तो कोई ध्यान नही दे रहा?’ नुमन अहमद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जल समाधि का क्या हुआ बाबा जी, पानी बहुत ठंडा है क्या?’
राज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अरे बाबाजी सरयू तट आपके लिए तैयार है, कब ले रहे हो समाधि?’ सूरज शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ताज महल में इनके काम का है क्या जो देखने गये थे? अयोध्या में मन्दिर निर्माण हो रहा है, वहां निर्माण कार्य पर ध्यान दें। ताजमहल में जाकर क्या करेंगे।’ सतीश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप सड़कों पर रोजा इफ्तारी कर सकते हैं, सड़कें बंद करके नमाज पढ़ सकते हैं। शाहीनबाग में सड़कें बंद कर सकते हैं। किसान आंदोलन में एक साल तक सड़कें रोक सकते हैं लेकिन भगवा वस्त्र धारण करके ताजमहल नहीं जा सकते।’