TV9 Bharatvarsh channel TV Debate on kashmiri Pandit: टीवी डिबेट के दौरान कश्मीरी पंडितों के ऊपर घाटी में हुए अत्याचार पर बहस के दौरान इंडियन आर्मी के रिटायर्ड मेजर जनरल की एक टिप्पणी पर बवाल शुरू हो गया है। एक न्यूज़ चैनल पर डिबेट के दौरान रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी सिन्हा ‘बलात्कार के बदले बलात्कार’ कहते हुए पाए गए। उनकी इस टिप्पणी पर साथी पैनलिस्ट समेत महिला एंकर भी बिफर पड़ीं और उन्होंने एसपी सिन्हा को शांत कराने की कोशिश की। इस टीवी डिबेट के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुमार विश्वास ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि जहालत चरम पर है। सबको मसीहा बनने की इतनी जल्दी है कि क़ानून, संविधान-भारतीयता सबको रौंदने पर आमादा हैं।
क्या बोल गए रिटायर्ड मेजर जनरल: दरअसल, कश्मीरी पंडितों के मुद्दों को लेकर टीवी 9 भारतवर्ष चैनल पर एक डिबेट शो आयोजित किया गया था। इस दौरान तमाम पैनलिस्ट के साथ रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी सिन्हा भी कार्यक्रम में मौजूद थे। इस बीच डिबेट के दौरान उन्होंने कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बोलते हुए कहा- मौत के बदले मौत, बलात्कार के बदले बलात्कार। इस पर जब महिला एंकर सुमैरा खान ने उनको टोका कि उन्हें ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए।
जहालत चरम पर है ! सबको मसीहा बनने की इतनी जल्दी है कि क़ानून-संविधान-भारतीयता सबको रौंदने पर आमादा हैं ! ज़िम्मेदारी हमारी-आपकी है कि इस जाहिल शोर को अपने कानों से बाहर फेंक कर इन्हें इनका वांछित न हासिल करने दें! “बलात्कार के बदले बलात्कार” कोई सोच भी कैसे सकता है,बोलना तो दूर https://t.co/WrxIzagh7J
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 17, 2019
बिफर पड़े एंकर और पैनलिस्ट: एसपी सिन्हा की बात सुनकर डिबेट में शामिल दूसरे पैनलिस्ट के साथ-साथ एंकर सुमैरा भी नाराज हो गईं। उन्होंने सख्त लहजे में सिन्हा को चुप रहने की नसीहत देते हुए दूसरे लोगों को भी कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान पैनलिस्ट निशांत उठकर खड़े हो गए डिबेट छोड़कर जाने की बात कह दी। इस दौरान गेस्ट में बैठे भी आवाज करने लगे। हालांकि बाद में डिबेट फिर से शुरू हो गई।
क्या बोले कुमार विश्वास: उन्होंने टीवी डिबेट को रिट्वीट करते हुए कहा- “जहालत चरम पर है! सबको मसीहा बनने की इतनी जल्दी है कि क़ानून-संविधान-भारतीयता सबको रौंदने पर आमादा हैं। ज़िम्मेदारी हमारी और आपकी है कि इस जाहिल शोर को अपने कानों से बाहर फेंक कर इन्हें इनका वांछित न हासिल करने दें। “बलात्कार के बदले बलात्कार” कोई सोच भी कैसे सकता है, बोलना तो दूर।”