साहब तक पहुंचा दो… साहब के पास जाने दो। कलेक्टर ऑफिस पहुंचे बुजुर्ग दादा जी उनके सामने बैठे डीएम को पहचान नहीं पाए। वे आईएएस ऑफिसर से ही कहते हैं कि मुझे साहब के पास जाना है, जाने दो और दूसरे कमरे की तरफ जाने लगते हैं। IAS अधिकारी उस समय बाहर ही कुर्सी पर लोगों के बीच बैठकर काम में बिजी हैं। वे दादा जी की बात सुनकर हंसने लगते हैं, फिर वे सम्मान और सादगी के साथ दादा जी से कहते हैं, अरे आप उधर कहां जा रहे हैं। इस पर बुजुर्ग उनकी तरफ हैरान परेशान होकर देखने लगते हैं। बुजुर्ग कहते हैं साहब के पास। इस पर कलेक्टर कहते हैं अरे साहब मैं ही हूं, मैं साहब हूं भाई…और जोर-जोर से हंसने लगते हैं। वे आगे मुस्कुराते हुए विनम्रता से अपने चेहरे की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं लगता नहीं हूं क्या, आपका काम हो जाएगा आप मुझे आदेश तो दीजिए।
इसके बाद बुजुर्ग हैरान रह जाते हैं और उन्हें अपनी परेशानी बताते हैं, जो मकान और पेंशन से जुड़ी हुई होती है। इस पर अधिकारी कहते हैं आप आदेश ही नहीं दे रहे हैं, आपकी पेंशन चालू हो जाएगी और आपका काम हो जाएगा। बुजर्ग राहत की सांस लेते हैं वे अवाक रह जाते हैं शायद ये सोचकर कि बड़े अधिकारी भी इतने साधारण होते हैं क्या।
इसके बाद दादा जी के सामन ही उनके पेपर एक कर्मचारी को पकड़ाते हुए कहते हैं कि इनका काम कराओ। वे दादा जी से कहते हैं आपका काम हो रहा है, आप इनके साथ चले जाइए… हो जाएगा। इसके बाद बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ संतोष भाव से धन्यवाद कहते हुए चले जाते हैं। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, लोग कलेक्टर साहब की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
एक ने लिखा है कि क्या बात है सर आपकी नम्रता को प्रणाम धन्य हैं आप। दूसरे का कहना है कि बिल्कुल ऐसा आदमी ही ऐसे पद के लायक है जिसके अंदर सादगी हो विनम्रता हो। तीसरे यूजर का कहना है, बुजुर्ग के संसार देखिए, छोटा हो या बड़ा हो, मान सम्मान के साथ आप शब्द का प्रयोग किया गया है, सेल्यूट हो ऐसे बुजुर्ग दादा को।
एक अन्य ने लिखा है, सर आपकी सादगी ही इसी है कोई कह नहीं सकता आप इतने बड़े पद पर हैं। आपके सरल स्वभाव की अलग मिसाल है। एक अन्य ने कहा है बहुत ही धन्यवाद कलेक्टर महोदय को, ऐसे कलेक्टर जी को सम्मान करना… बहुत ही अच्छा व्यवहार है। लोगों की दिक्कत समझने वाले बहुत कम होते हैं दिल से सैल्यूट। लोगों का कहना है कि देखकर दिल खुश हो गया सभी कर्मचारी ऐसे हो तो क्या बात है, जितना ज्यादा ज्ञान उतनी ही विनम्रता झलकती है।
एक ने तारीफ में लिखा है कि जो वहां के चपरासी होते हैं उनकी अकड़ इतनी ज्यादा होती है बात करने का लहजा इतना बेकार होता है इससे लोगों को यकीन कम होने लगा है, धन्य हैं सर आप इतनी नम्रता से पेश आए इन बुजुर्ग के सामने , love you Sir। लोगों ने कहा है, दिल से सलाम है साहब को ऐसे इंसान दुनिया में बड़े कम हैं। ससुर रोते रहे, तीन बच्चे बिलखते रहे… पत्थर दिल मां ने कहा- मैं प्रेमी के साथ ही रहूंगी और… Video देख रो पड़ेंगे
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