ज्ञानवापी मामले में सर्वे को लेकर जिला कोर्ट द्वारा आदेश दिया गया है कि ज्ञानवापी सर्वे के दौरान बनाए गए वीडियो और फोटो 30 मई को दोनों पक्षों को दिए जाएंगे। इसी विषय पर हो रही इस टीवी डिबेट के द्वारा हिंदू और मुस्लिम पक्ष हाथापाई करने पर उतारू हो गए। जिसमें एंकर को बीच-बचाव करना पड़ा।

दरअसल, यह चर्चा ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ चैनल पर हो रही थी। इस चर्चा के दौरान एंकर मीनाक्षी खंडेलवाल ने इस मुस्लिम पैनलिस्ट से सवाल किया कि अगर हिंदू भाई बहन आकर कहते हैं कि यहां पर श्री राम का जन्म हुआ है तो क्या आपको यह जगह छोड़ नहीं देनी चाहिए थी। इसी तरह मथुरा में नहीं कर देना चाहिए?

इसके जवाब में मुस्लिम पैनलिस्ट ने कहा कि सन् 1528 में अयोध्या में मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि राम जन्मस्थली और जगह भी चिन्हित किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने रामायण तुलसीदास का जिक्र करते हुए कहा कि सरयू नदी के किनारे इसे लिखा गया है लेकिन कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि राम का जन्म यहीं पर हुआ।

मुस्लिम पैनलिस्ट द्वारा कही गई बातों पर हिंदू पैनलिस्ट ने कहा, ‘ जो लोग इस तरह की बहस करते हैं, उन्हें बाबरनामा पढ़ने की जरूरत है।’ उन्होंने दावा किया कि बाबरनामा में लिखा गया है कि इस्लाम के लिए ना जाने कितने हिंदुओं का कत्ल किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने अकबरनामा की बात कर कहा कि उसने भी लिखा गया है, ‘चित्तौड़गढ़ के अंदर 40 हजार हिंदुओं का कत्ल किए जाने के बाद वह अजमेर शरीफ आ गए थे।’

इसी बीच मुस्लिम पक्ष के कुछ लोग टीका टिप्पणी करने लगे तो हिंदू पैनलिस्ट चिल्लाते हुए कहने लगे कि आप मेरी तरफ से 5 लाख मस्जिद बना लीजिए लेकिन अब कोई मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई जाएगी। जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी बहस होने लगी और हाथापाई की नौबत आ गई। मामला बढ़ता देख एंकर ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की। इस दौरान मुस्लिम पक्ष के एक पैनलिस्ट ने कहा कि हमारे अंदर तो हिम्मत है कि जगह खरीद कर भी मस्जिद बना सकते हैं।